मथुरा जिले की एक अदालत ने साल 2017 में मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी 20 साल का कठोर कारावास और भारी जुर्माने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर मथुरा के वृन्दावन थाने में 376, 377, 323 आईपीसी एवं 3/4 पाक्सो ऐक्ट में मामला दर्ज किया गया था।
मथुरा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भगवान कृष्ण की नगरी कहे जाने वाले मथुरा (Mathura) में दुष्कर्म (rape) जैसे जघन्य अपराध का शिकार हुई मासूम बच्ची को एक बार फिर सालों बाद न्याय मिला। मथुरा जिले की एक अदालत ने साल 2017 में मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी 20 साल का कठोर कारावास और भारी जुर्माने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर मथुरा के वृन्दावन थाने में 376, 377, 323 आईपीसी एवं 3/4 पाक्सो ऐक्ट में मामला दर्ज किया गया था। सालों बाद बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी को कड़ी सजा सुनाई गई।
घर के बाहर खेल रही मासूम के साथ किया था दुष्कर्म
उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने पांच साल की बच्ची के साथ जघन्य दुष्कर्म के अभियुक्त को 20 साल का कठोर कारावास और भारी जुर्माने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मथुरा जिले के वृन्दावन थाने के गांव बाटी निवासी जगवीर की पांच साल की बेटी 15 फरवरी 2017 को घर के बाहर खेल रही थी कि गांव का मनोज उसे बहला फुसला कर ले गया और दुष्कर्म किया। इस सिलसिले में वृन्दावन थाने में 376, 377, 323 आईपीसी एवं 3/4 पाक्सो ऐक्ट में मामला दर्ज किया गया।
दवाओं के बयान और डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाया गया आरोपी
अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या आठ ने पीड़िता के बयान के आधार पर इसे 5/6 पॉक्सों ऐक्ट में दर्ज करने का आदेश दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल सुभाषचन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि गवाहों के बयान और डाक्टरी रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त मनोज को दोषी पाया गया। अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पोक्सो ऐक्ट अमर सिंह ने गवाहों के बयान, डाक्टरी रिपोर्ट तथा एडीजीसी के तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी मनोज को धारा 376 आईपीसी में दस साल की सजा व 50 हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा, धारा 377 आईपीसी में दस साल की सजा व 50 हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा, धारा 323 आईपीसी में एक साल की सजा और दस हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर दो माह की अतिरक्ति सजा, 5/6 पाक्सो अधिनियम के अन्तर्गत 20 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर 6 माह की अतिरक्ति सजा भोगने का आदेश दिया है। आदेश के अनुसार सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी तथा जेल में बन्द अभियुक्त मनोज द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा के आदेश में समायोजित की जाएगी।
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