UP ELECTION 2022: कृषि कानून वापसी पर अखिलेश ने जताया चुनाव बाद वाला 'खतरा', प्रियंका बोलीं- अहंकार की हार

समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार चुनावों से डर गई है और वोट के लिए उसने ये बिल वापस किए हैं।

Pankaj Kumar | Published : Nov 19, 2021 8:06 AM IST / Updated: Nov 19 2021, 02:09 PM IST

लखनऊ: गुरु नानक जयंती के मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों के हक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कृषि कानूनों (Farmer Law Bill) को वापस लेने की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी के ऐलान के बाद विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। यूपी विधानसभा चुनाव (UP ELECTION 2022) की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि बीजेपी सरकार चुनावों से डर गई है और वोट के लिए उसने ये बिल वापस किए हैं।

अखिलेश ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन की वजह से ही तीनों कानूनों की वापसी हुई है। कानून वापसी को लोकतंत्र की जीत बताते हुए उन्होंने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की माफी को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा, 'यह झूठी माफी है और जनता इसे समझती है। जिन्होंने माफी मांगी है वो राजनीति भी छोड़ें।' अखिलेश ने कहा कि किसानों को बीजेपी के सहयोगियों ने अपमानित किया, ऐसे लोग आज भी मंत्रिमंडल में हैं। अब मंत्रिमंडल के साथ पूरी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।

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चुनाव बाद फिर कानून ला सकती है सरकार: अखिलेश
अखिलेश ने कहा, 'विजय यात्रा में जनसैलाब ऐसा निकला कि उसने लखनऊ ही नहीं, दिल्ली को भी हिला दिया। सरकार घबराकर ये कानून वापस ले रही है।' अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने आशंका जताई कि हो सकता है कि चुनाव बाद ये कानून फिर से वापस ले आएं।' अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ होती तो किसानों को खाद क्यों नही मिल रही। उन्होंने कहा कि सरकार ने मंडियों को बंद करने का काम किया है।

आज अहंकार हारा और किसान जीता: प्रियंका
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने भी कहा कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) को आंदोलन के दौरान शहीन किसानों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए और किसानों को लेकर संसद में अध्यादेश लेकर आए। प्रियंका ने कहा कि उन्हें सरकार की नियत पर भरोसा नहीं है। प्रियंका ने कहा कि ये आंदोलन किसानों का था और इसमें किसान ही शहीद हुए। उन्होंने कहा, 'इस आंदोलन में हमने व अन्य सभी दलों ने समर्थन किया। लेकिन इसका श्रेय किसानों को ही जाता है। जो आज हुआ, वो अहंकार की हार है और किसानों की जीत। सरकार समझ गई कि उसे झुकना पड़ेगा। मेरे भाई ने भी ये बयान दिया था कि सरकार को झुकना पड़ेगा। जो कानून किसानों के खिलाफ है आगे भी वो सभी खत्म होने चाहिए।'

नरेश टिकैत ने किया फैसले का स्वागत
दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्य्क्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा है कि सरकार का फैसला देर से आया लेकिन ठीक है। उन्होंने सरकार के फैसले को 'ना तुम जीते, ना हम हारे' वाला बता दिया। किसान आंदोलन वापस करने के सवाल पर नरेश ने कहा कि इसका फैसला संयुक्त किसान मोर्चा लेगा।

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