20 लोगों के जिंदा जलने के पीछे ये रही बड़ी वजह, जहां हुआ हादसा वहां लगा था ये बोर्ड

यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे में करीब 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। हादसा शुक्रवार रात दिल्ली-कानपुर जीटी रोड पर छिबरामऊ में घिलोई के पास हुआ। आमने-सामने भिड़ंत के बाद ट्रक और स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे बस और ट्रक धू-धूकर जल उठे। बस में करीब 45 यात्री थे। कुछ ने खिड़की से कूदकर जान बचाई।

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2020 6:47 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:25 PM IST

कन्नौज (Uttar Pradesh). यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे में करीब 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। हादसा शुक्रवार रात दिल्ली-कानपुर जीटी रोड पर छिबरामऊ में घिलोई के पास हुआ। आमने-सामने भिड़ंत के बाद ट्रक और स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे बस और ट्रक धू-धूकर जल उठे। बस में करीब 45 यात्री थे। कुछ ने खिड़की से कूदकर जान बचाई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजन को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रु. सहायता राशि देने की घोषणा की। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर हादसे पर शोक व्यक्त किया।

हादसे के पीछे का कारण
फर्रुखाबाद की स्लीपर बस गुरसहायगंज से सवारियां लेकर जयपुर जा रही थी। रात करीब साढे आठ बजे छिबरामऊ से करीब चार किलोमीटर दूर घिलोई गांव के पास बेवर की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक से आमने सामने की भिड़ंत हो गई। घिलोई गांव के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया, जहां हादसा हुआ वो दुर्घटना बहुल क्षेत्र है। यहां वाहनों की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए। इसके लिए यहां चेतावनी बोर्ड भी लगा है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण की ओर से इस स्थान को दुर्घटना स्थल बताया गया है। हादसा इसके ठीक सामने हुआ। 

बस की भी रफ्तार थी तेज, उल्टी दिशा में आ रहा था ट्रक
ग्रामीणों ने बताया, वाहन चालकों को यहां पर धीमे चलने की चेतावनी दी गई थी। जहां 20 की रफ्तार होनी चाहिए थी, बस की रफ्तार करीब 70 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी। हालांकि, बस सही दिशा में बेवर की तरफ जा रही थी। लेकिन बेवर की तरफ से आने वाला ट्रक विपरीत दिशा में था। ट्रक चालक की लापरवाही के कारण हादसा हो गया। हादसे के बाद बस से आग की लपटें उठने लगीं। आग बस के फ्यूल टैंक तक पहुंच गई। इसके बाद आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया। बस के अंदर सवारियां जल रही थीं, लेकिन कोई भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

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