नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में बीते 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा करने वालों पर शिकंजा कस गया है। प्रशासन ने लखनऊ में आगजनी व तोड़फोड़ करने वाले 16 लोगों को चिन्हित करते हुए 69 लाख रूपए के रिकवरी की नोटिस जारी की है। यही नहीं प्रशासन ने उन्हें पैसे जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। अगर 30 दिन में पैसे न जमा हुए तो उपद्रवियों की सपंत्ति कुर्क करके वसूली की जाएगी
लखनऊ(Uttar Pradesh ). नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में बीते 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा करने वालों पर शिकंजा कस गया है। प्रशासन ने लखनऊ में आगजनी व तोड़फोड़ करने वाले 16 लोगों को चिन्हित करते हुए 69 लाख रूपए के रिकवरी की नोटिस जारी की है। यही नहीं प्रशासन ने उन्हें पैसे जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। अगर 30 दिन में पैसे न जमा हुए तो उपद्रवियों की सपंत्ति कुर्क करके वसूली की जाएगी।
बता दें कि CAA के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर में कई स्थानों पर हिंसा फैलाई गई। यह पूरी तरह सुनियोजित तरीके से किया गया। शहर में हिंसा के दौरान तकरीबन 5 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति को आग के वाले कर दिया गया। उपद्रवियों ने हिंसा में चार थाना क्षेत्रों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में जम कर उपद्रव किया व तोड़फोड़ करते हुए करीब 35 वाहनों को आगे के हवाले कर दिया था। हसनगंज थाना क्षेत्र के मदेयगंज और ठाकुरगंज की सतखंडा चौकी को आग के हवाले किया गया था।
30 दिन में नहीं जमा हुई रकम तो सम्पत्ति कुर्क कर होगी वसूली
इस बारे में ADM ट्रांसगोमती विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि मामले में घटना के लिए उत्तरदायी जिन 16 लोगों को नोटिस भेजा गया है उनसे नुकसान की रकम की भरपाई की जाएगी। क्षतिपूर्ति की धनराशि के लिए उपरोक्त सभी 16 व्यक्ति संयुक्त रूप से तथा संपूर्ण धनराशि के लिए यह सभी व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग उत्तरदायी हैं। उन्होंने बताया कि अगर तीस दिनों के भीतर रकम जमा नहीं किया तो फिर संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
29 में से 13 आरोपियों पर नहीं सिद्ध हुआ दोष
प्रशासन द्वारा हिंसा में नुकसान करने वाले 29 लोगों को चिन्हित किया गया था और रिकवरी की नोटिस जारी की गई थी। लेकिन जांच के बाद 13 लोगों पर आरोप सिद्ध नहीं हो पाए। इससे पहले हसनगंज में 21 लाख और परिवर्तन चौक पर हुए नुकसान पर करीब 70 लाख रुपये की रिकवरी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।