यूपी की 'मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना' का शोध छात्र इस प्रकार उठा सकते हैं लाभ, हर महीने मिलेगी हजारों की सैलरी

यूपी की मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के लिए तय मानकों में कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज एवं संबद्ध क्षेत्र वन, पर्यावरण एवं जलवायु-शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण एवं कौशल विकास ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा- पर्यटन एवं संस्कृति डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर के युवा आवेदन सकते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 12, 2022 1:57 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में योगी आदित्यनाथ की दोबारा वापसी के बाद से शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा चुके है। इसी कड़ी में राज्य सरकार शोध छात्रों के लिए भी सुनहरा अवसर देने जा रही है। योगी सरकार ने प्रदेश के पिछड़े ब्लॉकों के विकास के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना शुरू की है। इस योजना को लेकर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि शोधार्थियों की नियुक्ति एक साल के लिए की जाएगी। जिसके दौरान वह अपने-अपने जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के अधीन काम करेंगे। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के लिए 24 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है। नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन http://cmfellowship.upsdc.gov.in/ पर 10 अगस्त से शुरू हो चुका है।

30 हजार रुपए प्रति माह मिलेगी सैलरी
राज्य सरकार अब शोधार्थियों पारिश्रमिक के रूप में 30 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी, अतिरिक्त भ्रमण के लिए 10 हजार प्रति माह और टेबलेट खरीद के लिए एकमुश्त 15 हजार रुपये देने का भी ऐलान किया है। इसमें चयनित युवाओं द्वारा प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों में केंद्रों व राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही शोधार्थियों द्वारा योजनाओं के संचालन में आ रही चुनौतियों के निराकरण तथा योजनाओं से जनमानस को अपेक्षित लाभ पहुंचाने हेतु सुझाव भी लिए जाएंगे। इसके अलावा सम्बंधित नीति निर्धारण योजना संरचना एवं योजना के कार्यान्वयन से संबंधित कार्यों में प्रतिभाग किया जाएगा। 

विस्तृत जानकारी के लिए इस साइट पर सकते हैं देख
सीएम योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी वाले आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में नियुक्त होने वाले इन शोधार्थियों को यथासंभव विकास खंड में ही आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री फेलोशिप के लिए तय मानकों में कृषि, पंचायतीराज एवं संबद्ध क्षेत्र वन, ग्रामीण विकास, पर्यावरण एवं जलवायु-शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं कौशल विकास ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा-पर्यटन एवं संस्कृति डाटा साइंस, आइटी, आइटीईएस, जैव प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,  मशीन लर्निंग डाटा गवर्नेंस बैंकिंग, वित्त एवं राजस्व-लोक नीति एवं गवर्नेंस सेक्टर के युवा आवेदन सकते हैं। इस फेलोशिप को लेकर विस्तृत जानकारी http://planning.up.nic.in/  इसमें ली जा सकती है।

शोधकर्ताओं के लिए ऐसी योग्यता होगी जरूरी
दरअसल पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फेलोशिप कार्यक्रम शुरू करने को लेकर अपनी मंजूरी दी थी। इसके अंतर्गत राज्य के 100 पिछड़े ब्लॉकों में विकास की गति को कैसे बढ़ाया जाए इस पर फोकस किया जाएगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कमियों को दूर करने और उनका समाधान निकालने के लिए शोधार्थियों का सहारा लिया जाए। इस पर शोध कार्य करने के लिए हर ब्लॉक के लिए एक शोध छात्र की नियुक्ति भी की जाएगी। इस फेलोशिप में शोधकर्ताओं के चयन के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए एक उम्मीदवार को एक प्रमुख कॉलेज या विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना चाहिए। अन्यथा स्नातक में न्यूनतम 60 प्रतिशत प्राप्त करना चाहिए। इस पर 40 साल की उम्र वालों पर ही विचार किया जाएगा। प्रदेश के हर विश्वविद्यालयों से जुड़े शोध छात्रों को इसका लाभ मिल सकता है।

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