रिटायर्ड सीवीओ ने डॉक्टर बेटे के साथ की खुदकुशी, मरने से पहले लिखी पत्नी, भाई और जीजा के नाम चिट्ठियां

जीजा आशीष ने पुलिस को बताया कि जब वह विभवखंड के आवास पर पहुंचे तो कई बार दरवाजे पर दस्तक दी। किसी तरह दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हुए। तो दोनों अलग-अलग कमरे में मृत पड़े थे। आशीष की सूचना पर ही पुलिस पहुंची। पड़ताल शुरू कर दिया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2021 5:07 AM IST / Updated: Feb 06 2021, 10:44 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । रिटायर्ड  जिला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. माधव कृष्ण तिवारी (75) और उनके बेटे डॉ. गौरव तिवारी (45) ने शुक्रवार रात को खुदकुशी कर ली। वे विभूतिखंड थाना क्षेत्र के विभवखंड-2 में रहते थे। पुलिस को बेटे के कमरे से तीन लेटर मिले हैं, जिनमें भाई, पत्नी व जीजा को जिम्मेदारी व काम बांटे हैं। फिलहाल, पुलिस ने इस लेटर को लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है। 

घर पर अकेले थे पिता-पुत्र
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को डॉ. माधव व डॉ. गौरव ही थे। डॉ. माधव की बेटी का दस दिन पहले हाथ टूट गया था, जिसकी देखभाल के लिए उनकी पत्नी गई थी। वहीं, गौरव की पत्नी भी कुछ दिनों से अपने मायके इंदिरानगर में रहती थी। गौरव भी रायबरेली में रहता था। दो दिन पहले वह लखनऊ पहुंचा था। 

भाई को लिखी पहली पहली चिट्ठी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस को तीन  चिट्ठियां मिली हैं। मृतक डा. गौरव तिवारी ने अपने भाई निशित को लिखे पत्र में कुछ जिम्मेदारी सौंपी थी। उमसें कहा कि खुदकुशी अपनी मर्जी से कर रहे हैं। तुम परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखना। साथ ही गौरव ने अपने पत्नी को सारा सामान दिलाने के लिए भी कहा है। 

पत्नी और जीजा को लिखी एक-एक चिट्ठी
डा. गौरव ने दूसरी चिट्ठी पत्नी के नाम लिखा था। जिसमें लिखा था कि तुम मेरे स्थान पर नौकरी कर लेना। इसके अलावा एक पत्र अपने जीजा आशीष तिवारी के नाम लिखा। जिसमें कहा कि आप मेरी पत्नी के सारे सामान वापस करवा देना। वहीं निशित की हर समय मदद करना। पुलिस ने तीनों पत्र को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है।

जीजा ने सुनाई ये कहानी
पुलिस के मुताबिक गौरव ने शाम करीब 7 बजे दिल्ली में रहने वाले अपने छोटे भाई निशित तिवारी को कॉल किया था और कुछ देर बात की थी। कुछ देर बाद उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप पर मैसेज मिला। उसे देखने के बाद निशित ने अपने जीजा आशीष तिवारी को कॉल कर इसकी जानकारी दी। आशीष ने पुलिस को बताया कि जब वह विभवखंड के आवास पर पहुंचे तो कई बार दरवाजे पर दस्तक दी। किसी तरह दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हुए। तो दोनों अलग-अलग कमरे में मृत पड़े थे। आशीष की सूचना पर ही पुलिस पहुंची। पड़ताल शुरू कर दिया। 
 

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