
मेरठ (Uttar Pradesh). अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने मंगलवार को कहा, मुझे खुशी है कि राम मंदिर के फैसले के साथ लाखों लोगों का सपना पूरा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं और पक्षों को सुनकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसका सभी ने स्वागत किया। लेकिन देश को लूटने वाले बाबर के नाम पर देश में कहीं भी मस्जिद नहीं बननी चाहिए।
जेएनयू में देश को बांटने वालों की हो पहचान
जेएनयू मामले पर उन्होंने कहा, आखिर वे कौन सी आजादी चाहते हैं, कसाब वाली, बुरहान बानी वाली या फिर अफजल वाली आजादी। देश को बांटने वाले लोगों की जांच होनी चाहिए और उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।
कौन हैं साध्वी प्राची
ये मूल रूप से यूपी के बागपत जिले की रहने वाली हैं। इन्होंने योग और वेद विषयों में डबल एम.ए. किया है। वेदों पर शोध किया, डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की। पूरी शिक्षा-दिक्षा गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार और मुजफ्फरनगर में हुई। बचपन से संघ से जुड़ी रहीं। 1995 में ये भगवा वस्त्र पहन साध्वी बन गईं। बरनावा (अब छपरौली) से भाजपा विधायक रहे त्रिपाल सिंह धामा को इनका राजनीतिक गुरु कहा जाता है। 2011 में बड़ौत में बूचड़खानों के विरोध में जैनमुनि मैत्रीपरभ सागर के साथ इन्होंने आंदोलन किया। 2012 में बीजेपी ने उन्हें पुरकाजी से टिकट दिया, लेकिन हार गईं।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।