धर्म संसद में जुटे देशभर के साधु संत, राम मंदिर निर्माण के अलावा इन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

देशभर से साधु-महात्मा बुलाए गए हैं। इसके लिए दो हजार बड़े संत-महात्मा को आमंत्रण भी भेज दिया गया था। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं।

Ankur Shukla | Published : Jan 21, 2020 5:20 AM IST / Updated: Jan 22 2020, 12:11 PM IST

प्रयागराज (Uttar Pradesh)। माघ मेले में देश भर के साधु संतों का जमावड़ा है। यहां विहिप की ओर से धर्म संसद (संत सम्मेलन) का आयोजन किया गया है। इसमें राम मंदिर निर्माण समेत कई प्रस्तावों पर मंथन होगा। उम्मीद है कि राम मंदिर निर्माण की तारीख भी सार्वजनिक की जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई जानी है। यह मूर्ति भगवान श्रीराम की होगी, जो 215 मीटर ऊंची की होगी। इस विशालकाय मूर्ति को स्थापित करने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। वहीं, एक दिन पहले विहिप के केंद्रीय मार्ग दर्शन मंडल की बैठक में कई प्रस्तावों को पास गया। जिसे धर्म संसद में रखा जाएगा।

इन प्रस्तावों को किया गया था एक दिन पहले पास
-देश भर में रामोत्सव के तहत मंदिर का मॉडल व रथयात्रा निकलेगी।
-सीएए को लेकर पूरे देश में संत भी चलाएंगे जन जागरूकता अभियान।
-धर्मांतरण रोकने को उठाए जाएंगे कड़े कदम, घर वापसी भी होगी।
-परिवार को टूटने से बचाने के लिए परिवार संस्कार कार्यक्रम भी चलेंगे।

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फरवरी में ट्रस्ट गठन की संभावना

जानकारों को उम्मीद है कि फरवरी में ट्रस्ट गठन के साथ ही मूर्ति का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। गुजरात में सरदार पटेल की 183 मीटर ऊंची प्रतिमा तैयार करने वाले नोएडा के मूर्तिकार राम सुतार को ही भगवान श्रीराम की मूर्ति के निर्माण का जिम्मा प्रदेश सरकार ने सौंपा है। 

मॉडल के आधार पर मंदिर के निर्माण पर होगा जोर
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने के मॉडल को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। इसे विहिप ने सीतापुर के कलाकारों से तैयार कराया है। एक दिन पहले विहिप के केंद्रीय मार्ग दर्शन मंडल की बैठक भी हुई है, जिसमें कई प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है और इसे अंतिम स्वीकृति के लिए धर्म संसद में आज रखा जा रहा है। वहीं मॉडल अनावरण के समय विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा था कि जिस मॉडल को 1989 में कुंभ के दौरान प्रयाग में रखा गया था, उसी मॉडल का यह स्वरूप है। इसी मॉडल के आधार पर भव्य मंदिर का निर्माण होना है। उसे परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उसके पत्थर 20 वर्ष से तराश कर तैयार किए गए हैं।


447 करोड़ रुपये का बजट आवंटित

बता दें कि पिछले दिनों ही प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 447 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है। इस राशि से 61 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह राशि निर्माण के लिए तकनीकी अध्ययन करने के लिए स्वीकृत 200 करोड़ रुपये के अलावा है।

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