समाजवादी पार्टी के दो दिवसीय अधिवेशन की शुरुआत के साथ ही अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकारी संस्थाओं को ध्वस्त कर रही है जिससे निजीकरण को बढ़ावा मिल सके।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी का दो दिवसीय अधिवेशन रमाबाई मैदान में शुरू हो चुका है। इस अधिवेशन में मंच पर अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, प्रो. रामगोपाल यादव, नरेश उत्तम पटेल समेत कई नेता मौजूद रहें। इस दौरान एक बार फिर नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का ऐलान वहां पर किया गया।
नरेश उत्तम पटेल प्रदेश अध्यक्ष घोषित
पार्टी के निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने निर्वाचन प्रक्रिया के तहत ही अकेले नामांकन होने के चलते नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। वहीं इस दौरान स्वागत भाषण में रविदास मेहरोत्र ने लखनऊ को संघर्षों की धरती बताया। सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी नौकरी में बहुजनों को मिले आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से सरकार छेड़छाड़ कर रही है। सरकार के द्वारा जानबूझकर सरकारी संस्थाओं को ध्वस्त किया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है जिससे व्यवस्थाओं का निजीकरण किया जा सके। समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक फैसला लिया था। सपा ने बहुजन समाज की ताकत को एक मंच पर लाने का प्रयास किया। समाजवादियों ने हर स्तर पर त्याग किया और डॉ. आम्बेडकर और लोहिया के सपने को साकार करने की कोशिश भी की।
'सत्ता में आने पर सपा किसानों के लिए करेगी काम'
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी लोग चाहते थे कि बड़ी जीत हो लेकिन सत्ता में बैठे हुए लोगों ने अपनी शक्तियों की दुरुपयोग किया। 2022 के चुनाव में भी समान विचारधारा वाले लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया। इस दौरान पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा। हालांकि समाजवादी पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने में असफल रही। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि सपा का सपना है कि समाज को बांटने वाली ताकतों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। जब सपा सत्ता में आएगी तो किसानों के लिए काम करेगी। सर्व समाज को शिक्षित करने का काम भी वहां पर किया जाएगा। सपा ने जो भी काम पूर्ववर्ती सरकार में किया था भाजपा उससे आगे कुछ भी नहीं कर पाई है।