प्रभू श्री राम के मंदिर की जमीन के नाम पर पांच मिनट में साढ़े 16 सौ करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने एक ही बात कही थी कि लोगों ने मंदिर के लिए पेट काटकर के चंदा दिया है, उसमें घपला नहीं करना चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (vidhansabha chunav 2022) नजदीक आ रहे हैं। इस बार आप भी मैदान में उतर आई है। सभी नेता एक दूसरे पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं। चुनावी तैयारियों के बीच आप (AAP) पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह (Uttar Pradesh Incharge sanjay singh) ने बीजेपी (BJP) पर बड़ा आरोप लगाया है। संजय ने अयोध्या के कथित जमीन घोटाले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के आस-पास जमीन खरीदने की होड़ लगी है, विधायकों, नेताओं, एसडीएम , डीआईजी और अधिकारियों के रिश्तेदारों ने प्लॉट खरीद लिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभू श्री राम के मंदिर की जमीन के नाम पर पांच मिनट में साढ़े 16 सौ करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने एक ही बात कही थी कि लोगों ने मंदिर के लिए पेट काटकर के चंदा दिया है, उसमें घपला नहीं करना चाहिए।
संजय सिंह के आरोप
संजय सिंह ने कहा कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की आड़ में किस तरह से दो करोड़ की जमीन किस तरह से पांच मिनट के अंदर साढ़े सोलह करोड़ खरीदी गई यह मैंने काफी पहले बताया था। भ्रष्टाचार में डूबे ट्रस्ट पदाधिकारियों सहित भाजपा नेताओं का राजफाश किया तो मेरे ऊपर तमाम मुकदमे किए गए थे। विश्व हिंदू परिषद भारतीय जनता पार्टी और ऐसे तमाम नेता, विधायक-मंत्री आदि कह रहे थे कि मेरे ऊपर मानहानि का मुकदमा करेंगे। आज तक उन्होंने मानहानि का मुकदमा करने की हिम्मत इसलिए नहीं की, क्योंकि पूरी की पूरी भारतीय जनता पार्टी प्रभु श्री राम के मंदिर के नाम पर उस क्षेत्र में जमीन का घोटाला और भ्रष्टाचार करने में जुटी हुई है।
संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि राम जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में किस तरह से तमाम अधिकारियों, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों, उनके रिश्तेदारों और भाजपा के मेयर ने जमीनें खरीदी हैं उसका पूरा खाका मेरे पास है। संजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नियम है की 3.5 बीघे से अधिक जिस दलित की जमीन होगी वहीं बेच सकता है, और कोई नहीं बेच सकता। इसमें पहले एक रोघई नाम के व्यक्ति को तैयार किया गया, क्योंकि दलित ही दलित की जमीन को खरीद सकता है, यह ट्रस्ट के लोग जानते थे। एक-दो बीघे की जमीन रखने वाले उस क्षेत्र के दलितों से रोघई ने 21 बीघा जमीन खरीदी। फिर वह 21 बीघा जमीन महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को दान कर देता है। जब वह जमीन दान में चली गई और इस बात का पता उसमें शामिल जमीन बेचने वाले दलित महादेव को पता चली, तो उसने शिकायत की। उसने कहा कि हमारी जमीनों को गलत ढंग से खरीद कर, गलत ढंग से बेचा जा रहा है, जो कि ट्रस्ट नहीं कर सकता।
संजय सिंह ने कहा कि जब इस बात का खुलासा हुआ तो अधिकारियों ने जांच बैठा दी। हद तो यह रही जो अधिकारी इस मामले की जांच बैठाते हैं वही अधिकारी ट्रस्ट से फिर जमीने खरीदते हैं। यह सीधा-सीधा भाजपा नेताओं और अफसरों द्वारा मिलीभगत करके किया गया भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा यह मामला बताता है कि रामजन्मभूमि क्षेत्र में योगी राज में जमीन की जालसाजी चल रही है। इसमें कोई मामूली लोग शामिल नहीं है। एमपी अग्रवाल जो अयोध्या के कमिश्नर रहे उनके ससुर ने 2530 स्क्वायर मीटर और उनके साले आनंद वर्धन ने 12060 स्क्वायर मीटर एक जमीन खरीदी, जिसमें उनकी पत्नी अपने पिता के साथ बनाई गई एक कंपनी की पार्टनर भी हैं। इसके बाद डीआईजी दीपक कुमार इनकी साली महिमा ठाकुर ने 1 सितंबर 2021 को 19 लाख 75हजार में 1020 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी।
संजय सिंह ने ऐसे ही एक और मामले के बारे में बताया कि पुरुषोत्तम दास गुप्ता जो मुख्य राजस्व अधिकारी अयोध्या थे और वर्तमान में एडीएम गोरखपुर हैं। उन्होंने 12 अक्टूबर 2021 को अपने साले और पत्नी अमरजीत यादव के साथ मिलकर 1130 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। इसके बाद बीजेपी के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ उर्फ खब्बू तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो अभी फर्जी सर्टिफिकेट के मामले में सजा पाकर जेल में है। इनके साले ने 18 नवंबर 2019 को एक 2593 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। 16 मार्च 2021 को स्वयं जिस विद्यालय के यह प्रबंधक हैं उसके लिए 47 लाख रुपए में 6320 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। साथ ही ये मां शारदा ट्रस्ट के नाम पर 9860 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदते हैं। 19 दिसंबर 2020 को 14860 मीटर जमीन चार करोड रुपए में खरीदते हैं। भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भतीजे तरुण मित्तल रेनू सिंह और सीमा सोनी से एक करोड़ 15 लाख की 5174 स्क्वायर मीटर जमीन 21 नवंबर 2019 को खरीदते हैं। रिटायर्ड आईएएस उमा धर द्विवेदी 39 लाख रुपए में अयोध्या क्षेत्र में 23 अक्टूबर को 1680 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदते हैं। संजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का मेयर ऋषिकेश उपाध्याय जिसके ऊपर पहले भी तमाम कागजों सहित मैंने आरोप लगाए थे आज तक उसकी जांच आदित्यनाथ जी की सरकार ने नहीं की। 1480 स्क्वायर मीटर जमीन 18 सितंबर 2019 को हरीश कुमार से तीस लाख रुपये में उन्होंने खरीदी।
संजय सिंह ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
संजय सिंह ने कहा कि मैं बार-बार इस पर मांग उठा रहा हूं कि पूरे जमीन खरीद मामले की जांच कराई जाए। जिस प्रकार से 5 मिनट में दो करोड की जमीन ₹18करोड़ 50 लाख रुपये में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा खरीदकर भ्रष्टाचार किया गया, उसकी जांच कराई जानी चाहिए। इस क्षेत्र में दलितों की जमीन दान में लेकर महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने तमाम मंत्रियों और विधायकों को जमीने बेंच दीं। वह भी तब जबकि उसकी जांच चल रही है। यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का खेल है। इसलिए इन सारे अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर इनको जेल में भेजना चाहिए । इन सब की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटर्ड कमेटी की निगरानी में एसआईटी बनाकर और सीबीआई के द्वारा जांच कराई जानी चाहिए। यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें खुद अधिकारी, विधायक और भाजपा के नेता शामिल हैं।