भारत ने हमेशा उदारता का परिचय दिया है। चेताया कि हिंदुओं की उदारता को दुर्बलता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
प्रयागराज (Uttar Pradesh)। गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रामंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में कहा कि मुसलमान अयोध्या ही नहीं देश के किसी भी कोने में अगर एक इंच भी भूमि स्वीकार करते हैं तो वे बाबर के अनुयायी साबित होंगे। त्रिवेणी मार्ग स्थित माघ मेला के गोवर्धन पुरी मठ शिविर में मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि भारत ने हमेशा उदारता का परिचय दिया है। चेताया कि हिंदुओं की उदारता को दुर्बलता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
हिंदू राष्ट्र घोषित करने की वकालत
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भारत समेत पड़ोसी देश नेपाल और भूटान को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए विश्व स्तर पर पहल करने की जरूरत पर जोर दिया। कहा कि संयुक्त राष्ट्र में इस आशय का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। दुनिया में मुस्लिम, ईसाई व अन्य मतावलंबियों की तरह हिंदू राष्ट्र के रूप में कोई देश नहीं है। इसलिए भी इस पर विचार किया जाना चाहिए।
देश में रही है अतिथि देवो भव: की परंपरा
शंकराचार्य ने कहा कि हमारे देश में हमेशा से अतिथि देवो भव: की परंपरा रही है। हमारी संस्कृति ने शरणार्थियों का भी हमेशा आदर किया है। किसी को भी मानवता की धज्जी उड़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
हिंदुओं की उदारता को दुर्बलता के रूप में न देखे
उन्होंने कहा कि भारत ने तीन मुसलमानों को राष्ट्रपति बनाया। गृहमंत्री, शिक्षामंत्री व मुख्य न्यायाधीश जैसे पदों पर भी मुसलमान रहे हैं। अभी केरल के राज्यपाल मुस्लिम ही हैं। क्या इस तरह की उदारता का परिचय देते हुए किसी मुसलिम देश में हिंदू को ऐसा ओहदा दिया जा सकता है। इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने चेताया कि हिंदुओं की उदारता को दुर्बलता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
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