
सहारनपुर: यूपी पुलिस कानून व्यवस्था में सुधार करने के साथ ही कई अन्य जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही है। कोरोनाकाल में कई पार्थिव शरीर को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के कारण चर्चाओं में आई पुलिस ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी है। इस बार भी पुलिस के द्वारा शव को कंधा दिए जाने की तस्वीर सहारनपुर से सामने आई है।
पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल
गौरतलब है कि सहारनपुर के सरसावा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट का कारण तलाशने के साथ ही पुलिस ने मानवता की मिसाल भी पेश की। सरसावा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद मारे गए चार युवकों के परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब है। चारों ही फैक्ट्री में काम कर परिवार का खर्च उठा रहे थे। इसमें से सागर, कार्तिक और वर्धनपाल तो अपनी पढ़ाई का खर्च भी स्वंय ही उठाते थे। वर्धनपाल मूलतः मुजफ्फरनगर के खतौली के गांव भैंसी के निवासी थे। उनकी अंतिम यात्रा के लिए वर्धनपाल के स्वजन और भैंसी निवासी ग्रामीणों को कंधा देने के लिए बुलाया गया था।
पुलिस ने करवाया अंतिम संस्कार में सहयोग
हालांकि उसी बीच अचानक पहुंची पुलिस ने अंतिम संस्कार करने की बात कही। परिजनों ने जब बताया कि कंधा देने वालों की कमी है तो सरसावा थाना प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह और उनके स्टाफ ने वर्धनपाल की अर्थी को कंधा भी दिया। सरसावा प्रभारी के इस कार्य की जमकर प्रशंसा हो रही है। सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने खुद ही इस कार्य की प्रशंसा करते हुए फोटो को ट्वीट किया है। पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद अग्नि पीड़ितों के दाह संस्कार के लिए जब कोई आगे नहीं आया तो सहारनपुर पुलिस ने मदद का हाथ बढ़ाया और मानवता दिखाई।
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