
लखनऊ: समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज होकर शिवपाल यादव रविवार को दिल्ली रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने इटावा जाकर कुछ खास लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद अब शिवपाल यादव दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। वहीं उनके इस तरह से देश की राजधानी का रुख करने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है।
मामले को लेकर प्रसपा के वरिष्ठ नेताओं को भी खास जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि शिवपाल इटावा से लखनऊ जाने की बात कहकर ही निकले थे। प्रसपा अध्यक्ष और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव सपा की विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज थे। इसी के चलते वह इटावा गए थे। हालांकि यहां से वापस आकर वह दिल्ली क्यों गए इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
'जब अफने और परायों में भेद न पता हो तो महाभारत होती है'
शिवपाल यादव का इससे पहले यह भी बयान सामने आया कि जब अपने और परायों में भेद नहीं पता होता है तब महाभारत होती है। उन्होंने कहा कि यह धर्म और राजनीति दोनों पर नीति लागू होती है। शिवपाल में कहा कि जिन प्रत्याशियों ने साइकिल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा उसमें उनकी जीत सबसे बड़ी हुई है। बावजूद इसके उन्हें विधायकों की बैठक में कोई बुलावा नहीं भेजा गया। यही कारण है कि वह बैठक में शामिल नहीं हुए।
फिलहाल शिवपाल दिल्ली के लिए किस काम औऱ किससे मुलाकात के लिए रवाना हुए इस बारे में अभी तक कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। हालांकि जानकार मानते हैं कि शिवपाल इस बार नाराजगी के चलते कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। बीते दिनों उनके सपा के साथ होने के बावजूद उनको कोई तरजीह नहीं मिली। फिर सपा की बैठक में उन्हें न बुलाया जाना कहीं न कहीं उनकी नाराजगी को और भी बढ़ा रहा है। इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है।
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