
बलिया (Uttar Pradesh). प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को कहा, मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही मैंने अलग पार्टी बनाई थी, लेकिन अगर नेताजी अखिलेश के साथ हैं तो मैं भी अब पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा। मुलायम आज भी अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका जवाब सिर्फ वही दे सकते हैं। मेरी हमेशा कोशिश रही कि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधीवादी लोगों को एकजुट करके पार्टी को मजबूत करने की।
जन्मदिन पर अखिलेश के कार्यक्रम में शामिल हुए थे मुलायम
शिवपाल ने कहा, मैंने हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान किया और उनकी हर बात मानी। उनकी बात को तवज्जो नहीं देने के कारण ही सपा में विघटन हुआ। यही कारण है कि सपा दोबारा सरकार नहीं बना पाई, नहीं तो अखिलेश फिर से सीएम बनते। बता दें, नवम्बर 2019 में मुलायम अपने जन्मदिन पर अखिलेश द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
ऐसे शुरू हुई थी चाचा भतीजे के बीच खींचतान
साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी। इसके बाद अखिलेश ने पार्टी पर अपना राज कायम कर लिया। इसी वजह से अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरियां काफी बढ़ गईं। हालांकि, पार्टी की नींव रखने वाले मुलायम सिंह यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दोनों के बीच सुलह-समझौते की काफी कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। मुलायम को जहां पार्टी को आगे ले जाने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने वाले अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से लगाव था। वहीं, दूसरी ओर पुत्रमोह भी उनके रास्ते में आड़े आ गया। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शिवपाल ने अपने समर्थकों के साथ खुद का राजनीतिक दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना दिया।
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