
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश ). पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दिया है। गुरूवार को पीड़िता के कॉलेज के प्राचार्य तथा पीजी कॉलेज के प्राचार्य से एसआईटी ने पूछताछ शुरू किया । वहीं, दूसरी ओर पीड़िता ने एसआईटी को एक पत्र देकर शारीरिक शोषण और बलात्कार का मामला दर्ज करने की मांग की है।
कौन हैं स्वामी चिन्मयानंद
स्वामी चिन्मयानंद मूलतः यूपी के गोंडा के निवासी हैं। वह बीजेपी से तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह जौनपुर, बदायूं व मछलीशहर सीट से सांसद रहे हैं। स्वामी चिन्मयानंद अटल सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।स्वामी चिन्मयानंद पर उन्ही के लॉ कालेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
एसआईटी ने घंटों की प्राचार्य से पूछताछ
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने स्वामी सुखदेवानंद पीजी कॉलेज के प्राचार्य अवनीश मिश्रा तथा विधि महाविद्यालय के प्राचार्य संजय बरनवाल को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। एसआईटी ने दोनों से मामले की जानकारी लेने के साथ ही घंटों तक पूछताछ किया।
पूछताछ में नहीं आए स्वामी चिन्मयानंद
एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद को नोटिस जारी कर नौ सितंबर की शाम छह बजे के बाद उन्हें पूछताछ के लिये बुलाया था। परंतु किसी कारणवश पूछताछ नहीं हो पाई थी। चिन्मयानंद ने 10 सितंबर के बाद पूछताछ करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद उन्हें अभी तक एसआईटी की ओर से इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है ।
एसआईटी को पत्र देकर स्वामी चिन्मयानंद पर लगाया साक्ष्य मिटाने का आरोप
पीड़िता ने एसआईटी को एक पत्र भी दिया है। पत्र में कहा है हॉस्टल के जिस कमरे में वह रहती थी, वहां से महत्वपूर्ण साक्ष्य गायब कर दिए गए हैं। उसके चरित्र पर लांछन लगाने के लिए आपत्तिजनक वस्तुएं वहां रख दी गई हैं। उसका कहना है कि इसमें स्वामी चिन्मयानंद के लोगों का ही हाथ है। पीड़िता ने एसआईटी से कार्रवाई की मांग की है ।
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