सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, मूर्ति स्पर्श, भोजन आदि के कार्य वर्जित हैं। बालक, वृद्ध व रोगी अत्यावश्यक फलाहार ले सकते हैं। ग्रहण के दौरान घर में रखे दूध, दही व घी आदि में कुश डाल देना चाहिए।
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) । इस साल पौष कृष्ण अमावस्या 26 दिसंबर को पड़ रही है।इस दिन साल का पांचवा और अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है, दो घंटे 53 मिनट का होगा। भारत के अधिकांश भागों में यह खंडग्रास के रूप में दिखेगा, जबकि दक्षिणी भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकणाकृति (अंगूठी) के आकार में दिखाई देगा।
पीने के पानी को भी बदलें
ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने के पानी को भी बदल देना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गाय के गोबर का लेप कर बंद कमरे में ही भगवान का नाम जपना चाहिए। ग्रहण काल में श्राद्ध, दान, जप व मंत्र सिद्धि आदि के शास्त्र सम्मत विधान का पालन करना चाहिए। फल की दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण देश काल के लिए अनिष्टकारक होगा।
काशी में इस समय लग रहा ग्रहण
महावीर पंचांग के संपादक ज्योतिषाचार्य डा. रामेश्वरनाथ ओझा ने बताया कि काशी में इस ग्रहण का स्पर्श सुबह 8.21 बजे होगा। मध्य सुबह 9.40 बजे औ मोक्ष सुबह 11.14 बजे होगा। काशी में सूर्य ग्रहण की अवधि 2 घंटे 53 मिनट की होगी। धर्म शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक स्पर्श बुधवार की रात 8.21 बजे शुरू हो गया।
(प्रतीकात्मक फोटो)