इस विधानसभा सीट से समाजवाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में कड़ी टक्कर होते दिखाई दे रही हैं । एक तरफ समाजवादी पार्टी ने अपनी तरफ से सुरेंद्र सिंह पटेल को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने पत्ते को नहीं खोला है।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) को लेकर अब सभी पार्टियों में हलचल तेज है और चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं। और लिस्ट के साथ सियासी घमासान शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश के बनारस विधानसभा (Varanasi Vidhansabha) की बात करें तो यहां पर धान सभा क्षेत्र इसलिए सभी पार्टियों के लिए बड़ा राजनीतिक मुद्दा होता है क्योंकि यहां के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हैं। वहीं, 2017 की बात करें तो सेवापुरी विधानसभा सीट से भाजपा के गठबंधन में चुनाव लड़े अपना दल (एस) ने जीत दर्ज की थी। इस सीट से नील रतन पटेल विधायक हैं।
इस विधानसभा सीट से समाजवाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में कड़ी टक्कर होते दिखाई दे रही हैं । एक तरफ समाजवादी पार्टी ने अपनी तरफ से सुरेंद्र सिंह पटेल को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने पत्ते को नहीं खोला है।
सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं सुरेन्द्र पटेल सिंह
उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी की सरकार में सिंचाई एवं लोक निर्माण विभाग राज्यमंत्री एवं दो बार से सेवापुरी के विधायक रह चुके हैं Asianet news से बात चीत में उन्होंने बताया कि कि भारतीय जनता पार्टी में लोग महंगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान हैं। इस बार इसी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जनता वोट देगी। सेवापुरी से पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल की पकड़ सेवापुरी में अच्छी बताई जा रही है।
विधानसभा सीट का इतिहास
पूर्व में इस क्षेत्र का नाम वाराणसी जिला दक्षिणी था। इस विधान सभा मे कुल 3 लाख 18 हज़ार से ज्यादा मतदाता हैं। जिला दक्षिण से सेवापुरी विधानसभा तक के 60 साल के चुनावी सफर में क्रांतिकारी समाजवादी राजनारायण ने जो समाजवाद की नींव रखी इस विधानसभा में कि वह 2017 तक कायम रही है। पटेल और भूमिहार जाति का दबदबा इस विधान सभा मे देखा जाता रहा है। खास बात यह कि इन छह दशक में महज दो मौके ऐसे आए जब भगवा ब्रिगेड को परचम लहराने का मौका मिला, 16 चुनावों में समाजवादी, कांग्रेसी और वामपंथ का ही झंडा लहराता रहा।
एक मौका अपना दल को मिला जो जल्द ही समाजवाद में तब्दील हो गया। लेकिन साल 2017 में भाजपा और अपना दल के गठबंधन के तहत अपना दल ( अनुप्रिया गुट ) के नील रतन पटेल नीलू ने अपना दल के टिकट पर इस विधानसभा पर विजय हासिल की और सुरेंद्र पटेल को हरा दिया। सुरेंद्र पटेल सपा सरकार में मंत्री थे ।
सेवापुरी विधानसभा के गांव को प्रधानमंत्री ने लिया था गोद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले में आठों विधानसभा सीट में से सबसे महत्वपूर्ण सीट है सेवापुरी विधानसभा सीट यह विधानसभा सीट अपने आप में इसलिए खास है क्योंकि इसी विधानसभा सीट के जयापुर गांव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था । इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी अपना दल ( अनुप्रिया गुट ) के नील रतन पटेल मौजूदा विधायक हैं।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।