नगर निकाय चुनाव में नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी सपा, जानिए किन नेताओं को दिया जा सकता है मौका

नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा ने पुख्ता रणनीति बनाई है। बता दें कि इसके लिए जिलेवार समीक्षा की जा रही है। साथ ही इस चुनाव में जनाधार वाले नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस चुनाव के जरिए पार्टी शहरी मतदाताओं के बीच पकड़ मजबूत करना चाहती है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। वहीं समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर नई रणनीति बनाई है। उम्मीद है कि सपा निकाय चुनाव में उन नेताओं को मौका दे सकती है जो विधानसभा में टिकट के प्रबलदावेदार रहे हैं। सपा इस चुनाव के जरिए शहरी मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। बताया जा रहा है कि पार्टी में निरंतर सक्रिय रहने वाली महिलाओं को आरक्षित सीट पर तवज्जो दी जाएगी। नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा ने पुख्ता रणनीति बनाई है। विभिन्न दलों से लेकर नए परिसीमन में जुड़े गांवों से आए नेताओं की ताकत का आकलन किया जा रहा है।

सियासी नेताओं के जरिए जमाएगी धाक
जिसके लिए जिलेवार समीक्षा की जा रही है। बता दें कि सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला लेकर वोटबैंक को लगातार जोड़े रखने की रणनीति अपनाई जा रही है। वहीं पार्टी के रणनीतिकारों के अनुसार, कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव के दौरान अच्छी तैयारी की थी। हालांकि समीकरण के हिसाब से उन नेताओं को टिकट नहीं मिल सका। ऐसे में अच्छा जनाधार रखने वाले नेता भी घर बैठ गए हैं। ऐसे नेताओं को जगाने के लिए यह चुनाव काफी मुफीद माना जा रहा है। पार्टी शहरी इलाके में इन नेताओं की सियासी ताकत के जरिए अपनी धाक जमाने की जुगत में लगी है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में तैयारी करने वाले जनाधार वाले नेताओं पर पार्टी दांव लगाने की तैयारी में है। 

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सिंबल पर लड़ेगी चुनाव
वहीं दूसरी तरफ दूसरे दलों से आए नेताओं को भी मौका दिया जाएगा। इन नेताओं को जातीय जनाधार के आधार पर मैदान में उतारने की रणनीति बनाई गई है। इसके पीछे का कारण है कि दूसरी पार्टी से आने वाले नेता यदि सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे तो उनसे जुड़ा वोटबैंक भी पार्टी से जुड़ेगा। वहीं प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि नगर निकाय चुनाव में फूंक- फूंक कर और पुख्ता रणनीति को ध्यान में रखकर विचार किया जा रहा है। चुनाव में जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशियों को मौका दिया जाएगा। इस चुनाव के जरिए पार्टी शहरी मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाएगी। लोकसभा चुनाव के समीकरण का ध्यान रखते नगर निगमों में प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जाएगा।

निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी पार्टी
बता दें कि विधानसभा-लोकसभा उपचुनाव और विधानमंडल सत्र के बाद सभी विधायकों को क्षेत्र में जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं नगर निगम चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए विधायकों को उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने, संबंधित नगर निगम की कमेटी के साथ बैठक करने और तीन नाम तय कर प्रदेश कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है। जारी की गई आरक्षण सूची में प्रदेश की 17 नगर निगमों में आठ सीट अनारक्षित हैं। वहीं महिलाओं की तीन सीटें, दो सीटें पिछड़ा वर्गस, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए दो और अनुसचित जाति और अनुसूचित जाति महिला के लिए 1-1 सीट है। ऐसे ही नगर पालिका परिषद की 200 सीटों में 79 अनारक्षित हैं और महिलाओं के लिए 40 सीटें हैं। नगर पंचायक की 545 सीट में 217 अनारक्षित हैं और 107 सीटें महिलाओं की हैं।

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