यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर मुस्लिम और यादव वोटरों के नाम हटाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद आज 10 नवंबर को वह निर्वाचन आयोग को इस मामले पर सबूत देंगे।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मुस्लिम और यादव वोटों के नाम हटाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए अखिलेश यादव से इन आरोपों पर सबूत मांगा गया था। बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को दिल्ली में निर्वाचन आयोग नोटिस का जवाब और सबूत पेश करेंगे। बता दें कि चुनाव आयोग ने 10 नवंबर तक आरोपों को सिद्ध करने और सबूत पेश करने को कहा था।
चुनाव आयोग पर लगाया था आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर उन्हें लगाए गए आरोपों के सबूत देंगे। साथ ही वह और अधिक सबूत देने के लिए कुछ समय की भी मांग कर सकते हैं। वहीं सपा के विधायक रविदास मल्होत्रा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो समाजवादी पार्टी के कट्टर वोटर जिनमें मुसलमान, यादव व अन्य पिछड़ी जाति के लोग थे, उनका नाम हटा दिया गया था। ये सूचना मिलने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मामले की जानकारी दी गई थी। वहीं 7 महीने पहले अखिलेश यादव ने अधिवेशन के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।
1 लाख नाम जुटाए जाने का है अनुमान
इस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था। मल्होत्रा ने बताया बताया कि हालांकि चुनाव आयोग द्वारा सबूत पेश करने के लिए काफी कम समय दिया गया था। अखिलेश यादव के आदेश के बाद सबूत जुटाने की जिम्मेदारी संगठन को सौंपी गई थी। रविदास मल्होत्रा ने बताया कि उनकी तरफ से 1600 की लिस्ट सौंपी गई है। चुनाव आयोग की नोटिस मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने सभी विधायकों, प्रत्याशियों और जिला अध्यक्षों को हर विधानसभा सीट से उन 1000 लोगों के नाम लाने को कहा था, जिनका नाम हटा दिया गया था। अनुमान है कि सपा ने करीब एक लाख ऐसे नाम जुटाए हैं।