लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने पूर्व विधायक पूजा पाल और उसके भाई राहुल पाल समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमले, आपराधिक साजिश व बलवा का मामला दर्ज किया है।
प्रयागराज. ललित वर्मा हत्याकांड में सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने पूर्व विधायक पूजा पाल और उसके भाई राहुल पाल समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमले, आपराधिक साजिश व बलवा का मामला दर्ज किया है। पीड़ित पक्ष ने फरवरी 2016 में इलाहाबाद के सिविल लाइन्स में पूजा पाल और उसके भाई पर जमीन विवाद में हत्या व जानलेवा हमला कराने का आरोप लगाया था।
सीबीआई की एफआईआर में पूर्व बीएसपी विधायक पूजा पाल और उसके भाई राहुल पाल के अलावा राजेश त्रिपाठी, संदीप यादव, दिलीप पाल, मुकेश केसरवानी महारानी मार्बल वाले और पृथ्वी पाल को नामजद किया गया है। सीबीआई ने मृतक ललित वर्मा के पिता विनोद कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को टेकओवर किया है।
विनोद कुमार का आरोप है कि 3 फरवरी 2016 को वह अपने बेटे ललित व वीरेंद्र और भतीजे विक्रम के साथ दो बाइक पर सवार होकर वकील से मिलने जा रहे थे। इस बीच एक सफारी गाड़ी लगातार उनका पीछा कर रही थी। बचने के लिए वो बीएसएनएल ऑफिस के पास गली में मुड़ गए। इस बीच सफारी सवार आरोपियों ने उतरकर उनके बेटे ललित वर्मा और भतीजे विक्रम सिंह को गोली मार दी और उन पर भी हमले की कोशिश की। हमले में ललित की मौत हो गई व विक्रम गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
विनोद के मुताबिक, पूजा पाल ने उनके बेटे जितेंद्र, भतीजे शानू व भाई मान सिंह के खिलाफ फर्जी मुकदमा करवा कर जेल भिजवा दिया था। बेटा ललित ही मुकदमे की पैरवी कर रहा था। इसलिए पूजा ने साजिश की तहत उसकी हत्या करवा दी।
कौन हैं पूजा पाल
पूजा इलाहाबाद के बाहुबली विधायक राजू पाल की पत्नी हैं। राजू और पूजा की 17 जनवरी 2005 में शादी हुई थी। 9 दिन बाद ही 25 जनवरी को राजू की हत्या कर दी गई थी। 2007 में पूजा ने अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था। 2007 के इलेक्शन में इनके खाते में कुल 3 लाख 55 हजार रुपए थे। 2012 यूपी विधानसभा चुनाव तक इन्होंने अपनी तिजोरी में 1 करोड़ 11 लाख रुपए की संपत्ति जोड़ ली। इसमें से 1 करोड़ 72 हजार रुपए के तो सिर्फ खेत, जमीन और मकान ही हैं। अपनी सिक्योरिटी के लिए ये एक रिवॉल्वर, एक राइफल और एक दुनाली रखती हैं।