लखनऊ से शुरू हुई देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस से नौकरी से निकाले गए 20 कर्मचारियों का मामला चर्चा में आने के साथ गरमाता जा रहा है। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने अब सेवा प्रदाता कम्पनी वृन्दावन फूड कम्पनी व IRCTC पर बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है
लखनऊ (Uttar Pradesh . लखनऊ से शुरू हुई देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस से नौकरी से निकाले गए 20 कर्मचारियों का मामला चर्चा में आने के साथ गरमाता जा रहा है। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने अब सेवा प्रदाता कम्पनी वृन्दावन फूड कम्पनी व IRCTC पर बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है। इसको लेकर hindi.asianetnews.com ने IRCTC के CRM( चीफ रीजनल मैनेजर) अश्वनी श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने इस पूरे मामले में तमाम जानकारियां शेयर किया।
बीते 4 अक्टूबर से तेजस लखनऊ से दिल्ली के बीच चलना शुरू हुई थी। यह ट्रेन IRCTC द्वारा चलाई जा रही है। लेकिन इस ट्रेन में दी जाने वाली सुविधाओं की जिम्मेदारी प्राइवेट कम्पनी वृंदावन फूड (आरके एसोसिएट्स ) को दी गई थी। इस कम्पनी ने केबिन क्रू और अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों को नौकरी दी थी। लेकिन एक महीने बाद ही इसमें से 20 कर्मचारियों को निकाल दिया गया।
नौकरी से निकाले जाने में IRCTC का कोई रोल नहीं
IRCTC के चीफ रीजनल मैनेजर अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि नौकरी से निकाले गए 20 कर्मचारियों के मामले में IRCTC का कोई रोल नहीं है। इसका कॉन्ट्रैक्ट प्राइवेट कम्पनी वृन्दावन फ़ूड को दिया गया था। उसी कम्पनी के द्वारा सारे कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। ट्रेन में जरूरत के हिसाब से अटेंडेंट की संख्या बढ़ाना या घटाना उस कम्पनी का अधिकार क्षेत्र है।
परफॉर्मेंस के आधार पर निकाले गए हैं लोग
अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि नौकरी से निकाले गए लोगों की शिकायत के बाद मैंने कम्पनी के जिम्मेदारों से बात की थी। उन्होंने बताया कि जब ट्रेन में कोच अधिक थे उस समय अधिक लोगों की जरूरत थी। उस दौरान लोगों को बताकर रखा गया था कि 40 लोगों में जिन 20 की परफॉर्मेंस अच्छी होगी वो ही जारी रख सकेंगे। इन एक महीने में प्रदर्शन के आधार पर जिन 20 लोगों के काम में शिकायतें आईं थीं उनकी सेवा समाप्त की गई है।
अब आ रही शिकायतों की भरमार
अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि तकरीबन 15 दिन पूर्व ट्रेन की होस्टेस को यात्रियों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायतें मीडिया के द्वारा सामने आईं थीं। उस समय हमने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमे कर्मचारियों को एड किया था जिसमे कहा गया था कि वह अपनी कोई भी शिकायत इस ग्रुप में लिख सकते हैं। लेकिन उस समय किसी ने कोई शिकायत नहीं की थी। अब जब खराब परफॉर्मेंस वाले लोगों को बाहर किया गया है तो शिकायतों की भरमार आ गई है। शिकायतों में कहा जा रहा है कि ट्रेन में खराब पानी यात्रियों को पीने के लिए दिया जा रहा है। लेकिन ये गलत है क्योकि रेल नीर रेलवे का खुद का प्रोडक्ट है। वह टेस्टेड है ऐसे में आरोप गलत है।