प्रतापगढ़ के सदर बाजार इलाके की रहने वाली पूजा सिंह ने UPPCS 2017 के एग्जाम को क्वालीफाई किया। पूजा को BDO (Block Development Officer) की पोस्ट दी गयी है।
लखनऊ ( UTTAR PRADESH ). UPPCS 2017 का फाइनल रिजल्ट आ गया है। इसमें कुल 676 अभ्यर्थियों को सिलेक्ट किया गया। प्रतापगढ़ के सदर बाजार इलाके की रहने वाली पूजा सिंह ने इस एग्जाम को क्वालीफाई किया। पूजा को BDO (Block Development Officer) की पोस्ट दी गयी है। पूजा ने hindi.asianetnews.com से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने बचपन से लेकर सफलता के इस मुकाम तक के सफर के तमाम किस्से शेयर किया।
पूजा सिंह यूपी के प्रतापगढ़ जिले के सदर बाजार इलाके की रहने वाली हैं। उनके पिता कुंवर बहादुर सिंह बिजनेसमैन हैं। पूजा की शुरुआती शिक्षा प्रतापगढ़ के साकेत गर्ल्स इंटर कालेज से हुई। इंटरमीडिएट तक वहां पढ़ाई करने के बाद वो अपने मौसी के घर कलकत्ता आ गयी। वहां उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया। उसके बाद पूजा ने पुणे से बायो टेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया है। जिसके बाद वह सिविल सर्विस की तैयारी में लग गयी। उन्होंने तीसरे प्रयास में PCS का एक्जाम क्रैक किया।
मौसा से मिली प्रेरणा से मिली सफलता
पूजा बताती हैं " मेरे मौसा आरपी सिंह पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक रहे हैं। वहां से वो रिटायर्ड हैं। उन्ही को देखकर मुझे बचपन से प्रेरणा मिलती रही। उनकी भी इच्छा थी कि मै अफसर बनूं। इसलिए वह इंटरमीडिएट के बाद मुझे कलकत्ता ले गए। मौसा बहुत ही सख्त और ईमानदार अफसर रहे हैं। उन्हें देखकर बचपन से ही मुझे उन्ही के जैसे बनने की प्रेरणा मिलती रही। मेरे मौसी की बेटी स्निग्धा से भी मुझे काफी सहयोग मिला। मेरे मम्मी-पापा और भैया के आलावा अगर इस मुकाम तक पहुँचने में किसी का योगदान रहा है तो मेरे मौसा का रहा है।
IPS बनने का है सपना
पूजा बताती है कि मुझे लोगों की मदद करने में काफी अच्छा लगता है। मेरे मन में हमेशा ये बात रही है कि मै किसी पीड़ित की मदद करूं,उसके ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एक्शन लूं। अभी भी मेरा प्रयास IPS बनने का रहेगा। IPS बनने की प्रेरणा भी मुझे मौसा को देखकर मिली है। उनकी कार्यशैली और लोगों की मदद करने के लिए उत्साह को देखकर काफी प्रेरणा मिली है।
कालेज में प्रोजेक्ट गाइड ने दी थी सिविल सर्विस की तैयारी करने की सलाह
पूजा ने बताया " मै बचपन से ही लोगों की मदद करने के मामले में काफी संवेदनशील रही हूँ। जब मै पुणे से बॉयो टेक्नोलॉजी से मास्टर्स कर रही थी उस समय मेरे प्रोजेक्ट गाइड की कही के बात मुझे आज तक नहीं भूली। उन्होंने मुझे कहा था पूजा तुम सिविल सर्विस की तैयारी करो मुझे लगता है वहां तुम्हारी सफलता निश्चित होगी। सिविल सर्विस ही तुम्हारे लिए ठीक रहेगी।
शादी के लिए छपे कार्ड्स पर अपने नाम के साथ लिख दिया था IPS
पूजा अपने बचपन की एक बात शेयर करते हुए कहती हैं "जब मै छोटी थी तब बहुत शरारती थी। मेरे भैया भी मेरी हर शरारत में मेरा साथ देते थे। बचपन से ही मौसा को देखकर IPS बनने का सपना दिल में हमेशा रहता था। एक बार घर में कजिन की शादी थी। उसके लिए ढेर सारे कार्ड्स छप कर आए थे। मुझे और मेरे भइया को शरारत सूझी। हम दोनों ने सारे कार्ड में अपना नाम पूजा सिंह IPS लिख डाला। उसके बाद हमने पूरा बंडल वैसे ही बांध दिया। जब पापा ने कार्ड बांटने के लिए उस पर नाम लिखना चाहा तो सारे कार्ड्स पर पहले ही नाम लिखा था। जिसके बाद मेरी और मेरे भाई की जमकर पिटाई हुई।