कानपुर एसटीएफ ने 14 साल से फरार 50 हजार के इनामी को पकड़ लिया है। गोंडा में साल 2008 में दर्ज अपहरण व लूट के मामले में फरार चल रहा था। एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि फहीम एक बड़े गिरोह का हिस्सा था। इसका हिस्सा होने के बाद ट्रक चालकों को बंधक बनाकर उनका माल लूट लेता था।
कानपुर: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की कानपुर इकाई ने रविवार की रात बाबूपुरवा से शातिर अपराधी 50 हजार के इनामी फहीमुद्दीन उर्फ फहीम उर्फ काले पुत्र पप्पू कब्बाल उर्फ मोईनुददीन को गिरफ्तार कर लिया। वह गोंडा में हुई एक लूट के मामले में पिछले 14 साल से फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने आरोपित को गोंडा पुलिस के हवाले कर दिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। इसकी सूचना पर एसटीएफ की कानपुर इकाई ने बाबूपुरवा के अतीतगंज में रहने वाले फहीमुद्दीन उर्फ फहीम उर्फ काले पुत्र पप्पू कव्वाल को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर शैलेंद्र ने बताया कि फहीम शातिर अपराधी था। गोंडा में साल 2008 में दर्ज अपहरण व लूट के मामले में फरार चल रहा था। जिसकी वजह से उसपर 50 हजार रुपये का इनाम भी था। उन्होंने यह भी बताया कि फहीम एक बड़े गिरोह का हिस्सा था। इसका हिस्सा होने के बाद ट्रक चालकों को बंधक बनाकर उनका माल लूट लेता था। दिसंबर के महीने में एसटीएफ ने फहीम के एक मोहल्ले में रहने वाले उसके एक अन्य साथी वकील अहमद को गिरफ्तार किया था। अहमद पर भी 50 हजार रुपये का इनाम था।
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह कफील अहमद नामक व्यक्ति के यहां डीसीएम गाड़ी चलाता था। कफील अहमद डीसीएम में फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर विभिन्न जनपदों से माल लोड करके गन्तव्य पर न पहुंचाकर कानपुर में ही बेच दिया करता था। जिन व्यापारियों के माल गन्तव्य पर नही पहुंचते थे, उन व्यापारियों द्वारा विभिन्न जनपदों में इनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराये गये थे। साल 2008 में इनके द्वारा जिन लोगों को चोरी से माल बेचा गया था। उसको कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर उससे पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि कफील एवं उसके डीसीएम चालक द्वारा यह माल बेचा गया था। इसी प्रकार जनपद गोण्डा में एक व्यापारी द्वारा थाना कोतवाली नगर पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था। इसी मुकदमें में यह वांछित था तथा इसकी गिरफ्तारी हेतु रूपये पचास हजार का पुरस्कार घोषित था। गिरफ्तार अभियुक्त फहीमुद्दीन उर्फ फहीम के विरूद्ध थाना कोतवाली नगर, जनपद गोण्डा में दाखिल किया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।
फहीमुद्दीन के गिरोह में थे 17 बदमाश
फहीमुद्दीन के गिरोह में 17 बदमाश थे। वर्ष 2008 में इस गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद धीरे-धीरे करके 15 को गिरफ्तार कर लिया गया था। मगर, फहीम व वकील दोनों पकड़ से बाहर थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरा गिरोह पकड़ा जा चुका है। हालांकि पूर्व में गिरफ्तार लगभग सभी बदमाश जमानत पर छूटे हुए हैं।
विभिन्न इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु किया गया निर्देशित
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को संगठित अपराध एवं अपराधियों के सक्रिय होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिये जाने की सूचनाये प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन में विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण एवं निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई, कानपुर द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
एसटीएफ फील्ड इकाई में नियुक्त मुख्य आरक्षी मोहर सिंह द्वारा विभिन्न माध्यमों से सूचनायें संकलन की कार्यवाही की जाने लगी। इस दौरान सूचना प्राप्त हुई कि अभियुक्त फहीमुद्दीन उर्फ फहीम उर्फ काले पुत्र पप्पू कब्बाल जो कि जनपद गोण्डा से नामजद अभियुक्त है एवं इसके गिरफ्तारी हेतु पचास हजार रूपये पुरस्कार घोषित है। वह जनपद झांसी एवं उसके आस-पास के जनपदों में छिप-छिपाकर रह रहा है। मुखबिर से प्राप्त सूचना को उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुये उ0नि0 श्री फिरोज खां, मु0आ0 मोहर सिंह, मुख्य आरक्षी धरमपाल, आरक्षी धीरेन्द्र, कमाण्डो राधेलाल, आरक्षी चालक सुरेन्द्र एसटीएफ कानपुर की एक टीम द्वारा अभियुक्त फहीमुद्दीन उर्फ फहीम उर्फ काले पुत्र पप्पू कब्बाल खण्डेराव गेट के पास से उक्त अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।
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