बहुत खुशनसीब है ये पिता, रिटायरमेंट पर विदाई कराने पहुंचे थे चार IAS-IPS बेटा-बेटी

UPPCS 2017 का फाइनल रिजल्ट गुरुवार (10 अक्टूबर) को जारी किया गया। प्रतापगढ़ के कुंडा के रहने वाले अमित शुक्ला ने इसमें टॉप किया है। ऐसे में hindi.asianetnews.com आपको प्रतापगढ़ के ही रहने वाली एक ऐसी फैमिली के बारे में बताने जा रहा है, जिसमें चारों भाई-बहन ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2019 7:37 AM IST / Updated: Oct 11 2019, 01:17 PM IST

प्रतापगढ़ (Uttar Pradesh). UPPCS 2017 का फाइनल रिजल्ट गुरुवार (10 अक्टूबर) को जारी किया गया। प्रतापगढ़ के कुंडा के रहने वाले अमित शुक्ला ने इसमें टॉप किया है। ऐसे में hindi.asianetnews.com आपको प्रतापगढ़ के ही रहने वाली एक ऐसी फैमिली के बारे में बताने जा रहा है, जिसमें चारों भाई-बहन ने देश की सर्वोच्च सेवाओं के एग्जाम को क्वालीफाई किया। 

बैंक मैनेजर पिता की विदाई कराने पहुंचे 4 IAS-IPS
प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले अनिल मिश्रा बड़ौदा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे, अब रिटायर हो चुके हैं। इनके चार बच्चे हैं, 3 बेटे और उक बेटी। चारों भाई-बहन आईएएस अफसर हैं। भाई बहन में सबसे बड़े IAS योगेश मिश्रा हैं। इनसे छोटी बहन IPS क्षमा कर्नाटका में पोस्टेड हैं। इनसे छोटी माधवी झारखंड कैडर की IAS हैं। सबसे छोटे लोकेश भी आईएएस हैं। हाल ही में अनिल मिश्रा रिटायर हुए। चारों भाई-बहन पिता को बैंक से विदाई कराने पहुंचे थे। 

2 कमरे के मकान में रहकर बने आईएएस 
माधवी बताती हैं, चारों भाई-बहन की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है। बचपन में हमारे बीच कभी किसी बात को लेकर अगर नोक-झोंक होती थी, तो हममे कोई एक इसे प्यार में बदलने की जिम्मेदारी उठाता था और समझौता कराता था। वहीं, क्षमा बताती हैं, पहले हम जिस मकान में रहते थे, उसमें सिर्फ 2 कमरे थे। अगर कोई मेहमान आ जाता था तो सभी को पढ़ने में काफी प्रॉब्लम होती थी।

चारों ऐसे बने IAS-IPS
योगेश बताते हैं, हम सभी ने अपने पैतृक गांव लालगंज में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई की। उसके बाद मैं मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक करने के लिए इलाहाबाद चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद नोएडा में मेरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब लग गई। इस दौरान मैंने तैयारी भी जारी रखी और साल 2013 में IAS बन गया। 

वो कहते हैं, क्षमा ने एमए तक की पढ़ाई गांव से ही की। साल 2006 में पास में रहने वाले सुधीर से उसकी शादी हो गई। सुधीर उत्तराखंड में जिला आपूर्ति अफसर थे। उन्होंने बहन को आगे की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया। साल 2015 में क्षमा का सिलेक्शन डिप्टी SP के पद पर हुआ था, लेकिन 2016 में उसने दोबारा से एग्जाम दिया और IPS बन गई।

योगेश कहते हैं, दूसरी बहन माधवी ने लालगंज से ही ग्रैजुएशन किया। इसके बाद इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएशन करने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी चली गईं। वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद जेएनयू दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सि‍लेक्शन IAS में हो गया। सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनयरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फर्टिलाइजर कंपनी में नौकरी की। साल 2015 में PCS का एग्जाम क्वालीफाई कर BDO बन गया। उसके बाद सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 2016 में वो भी IAS हो गए।

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