मौत के बाद शहीद के पेट में प्लांट किया था 10Kg. बम, इतनी खतरनाक थी प्लानिंग

यूपी की राजधानी लखनऊ में इस बार 71वें गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व मेजर वात्सल्य तिवारी करेंगे, जो पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं। आज हम आपको 7 साल पहले शहीद हुए सीआरपीएफ जवान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मौत के बाद नक्सलियों ने उसकी बॉडी के चीथड़े करने का प्लान बनाया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2020 5:51 AM IST / Updated: Jan 26 2020, 01:17 PM IST

प्रयागराज (Uttar Pradesh). यूपी की राजधानी लखनऊ में इस बार 71वें गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व मेजर वात्सल्य तिवारी करेंगे, जो पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं। आज हम आपको 7 साल पहले शहीद हुए सीआरपीएफ जवान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मौत के बाद नक्सलियों ने उसकी बॉडी के चीथड़े करने का प्लान बनाया था। 

6 साल तक जवान ने वीरता के साथ की देश की सेवा
प्रयागराज के गंगापार के नावबंगज थानाक्षेत्र स्थित मलाक बलऊ गांव में शहीद सीआरपीएफ जवान बाबूलाल पटेल की फैमिली रहती है। पिता मुन्नीलाल पटेल कहते हैं, वो हमारी इकलौती संतान थी। 2006 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। नक्सल प्रभावित इलाके में पोस्टिंग हुई थी। करीब 6 साल तक उसने वीरता के साथ देश सेवा की। 7 जनवरी 2013 को झारखंड के लातेहार में नक्सलियों हमले में वो शहीद हो गया। हमले से पहले बेटे का एक कॉल आया था। उसने कहा था, जल्द घर आने वाला हूं। 

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देश की सलामती के लिए बेटे की शहादत मंजूर
मां जगपती देवी कहती हैं, बेटा बचपन से पढ़ाई में अव्वल था। हाईस्कूल पास करते ही फौज में भर्ती होने की बात करता था। उसी के लिए तैयारी करता रहता था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद सीआरपीएफ में भर्ती होने का सपना पूरा किया। बचपन से उसे शहीदों की कहानी सुनना पसंद था। क्या पता था कि वो एक दिन ऐसे छोड़कर चला जाएगा। वो ही हमारा एकमात्र सहारा था और वो भी चला गया। देश की सलामती बेटे के शहीद होने से अगर है तो हम हर तकलीफ सहने को तैयार हैं।

पत्नी ने कहा, अधूरा रह गया उनका सपना
बाबूलाल की साल 2008 में रेखा से शादी हुई थी। शहादत के 6 महीने बाद 2 जुलाई 2013 को पत्नी ने बेटे अंश को जन्म दिया। रेखा ने कहा, शहादत से 15 दिन पहले ही उनको प्रेग्नेंसी के बारे में बताया था। वो बहुत खुश हुए थे। उनका सपना था कि उन्हें संतान पापा कहकर बुलाए, लेकिन वो अधूरा रह गया। अब तो पति की यादों के सहारे जिंदगी बिता रही हूं।

जवान के पेट में प्लांट किया था बम
झारखंड के लातेहार के कटिया जंगल में नक्सलियों ने हमला किया था। जिसमें 13 जवान शहीद हो गए थे। उसमें बाबूलाल पटेल भी शामिल थे। नक्सलियों ने बाबूलाल की हत्या के बाद उनके पेट में 10 किलोग्राम बम प्लांट किया था। उनका प्लान था कि पोस्टमॉर्टम के दौरान भारी विस्फोट कर कई लोगों को मौत के घाट उतार जा सके। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इसे नाकाम कर दिया।

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