गोरखनाथ मंदिर से 12 किलोमीटर दूर पिपराइच रोड पर जंगल धूसड़ इलाके में यह कालेज स्थित है। गोरखपुर विवि से संबद्ध इस कालेज में एक भी सफाई कर्मचारी नहीं है। बावजूद इस कॉलेज ने स्वच्छता के क्षेत्र में मिसाल स्थापित की है। पिछली बार की तुलना में 137 पायदान ऊपर उठकर स्वच्छता रैंकिंग में 39वां स्थान हासिल किया।
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज अनोखा कालेज है, क्योंकि इस डिग्री कॉलेज को पूरी तरह स्टूडेंट ही संचालित करते हैं और इंटरवल की घंटी के बाद टीचर और स्टूडेंट झाड़ू, पाइप, बाल्टी, फावड़ा उठा लेते हैं। अगले ही कुछ ही पल में एक-एक टीचर के नेतृत्व में कम से कम दस-दस स्टूडेंट की टोली कॉलेज के टायलेट की सफाई में टोली जुट जाती है। युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलता है। इसके बाद ये सभी बाहर भी इसी तरह सफाई करते हैं। हालांकि ये अभियान शनिवार को ही चलता है।
बिना सफाई कर्मी के स्वच्छता की क्षेत्र में है मिसाल
गोरखनाथ मंदिर से 12 किलोमीटर दूर पिपराइच रोड पर जंगल धूसड़ इलाके में यह कालेज स्थित है। गोरखपुर विवि से संबद्ध इस कालेज में एक भी सफाई कर्मचारी नहीं है। बावजूद इस कॉलेज ने स्वच्छता के क्षेत्र में मिसाल स्थापित की है। पिछली बार की तुलना में 137 पायदान ऊपर उठकर स्वच्छता रैंकिंग में 39वां स्थान हासिल किया।
इसलिए करते हैं ऐसा
दस एकड़ में फैले इस कॉलेज में इस वक्त 25 सौ से अधिक स्टूडेंट पढ़ते हैं। प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार राव बताते हैं कि ऐसा करके हम संदेश देते हैं कि किसी भी सफाई कर्मी को यह न लगे कि वह कोई गलत काम करता है। पूरे समाज में टॉयलेट की सफाई का काम एक खास जाति या वर्ग विशेष को सौंपा गया है। हम समाज की इस परंपरा को तोडऩा चाहते हैं। शिक्षकों के बीच टायलेट सफाई की शुरुआत मैं खुद से करता हूंष
टॉपर स्टूडेंट ही लड़ सकते हैं छात्रसंघ चुनाव
हर महीने मासिक टेस्ट होते हैं। हर क्लास में अगस्त महीने में होने वाले मासिक टेस्ट का टॉपर कालेज की छात्रसंघ समिति का सदस्य होता है। इस तरह कॉलेज की 84 सदस्यीय छात्रसंघ समिति में केवल टॉपर स्टूडेंट ही शामिल होते हैं।
छात्रों को ही है पदाधिकारियों को हटाने का अधिकार
यही छात्र पुस्तकालय समिति, क्रय समिति से लेकर हर तरह की कमेटी के सदस्य भी होते हैं। कॉलेज के टीचर इन कमेटियों के चेयरमैन होते हैं। इसी छात्रसंघ समिति के सदस्यों में से ही स्टूडेंट अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, सहमंत्री जैसे पदों के लिए नामांकन करते हैं। कॉलेज की छात्रसंघ नियमावली में पदाधिकारियों को हटाने का अधिकार भी छात्रों को दिया गया है। अगर पदाधिकारी पढ़ाई में कमजोर पड़े, कक्षा में उनकी उपस्थिति कम हुई तो उन्हें पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने की थी स्थापना
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कालेज की स्थापना की थी। योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय विद्यालय परिषद में अपने सहयोगी रहे डॉ. प्रदीप कुमार राव को कॉलेज का प्राचार्य बनाया था। कॉलेज की स्थापना के समय डॉ. रॉव गोरखपुर विवि में प्राचीन इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर थे।