
आगरा (Uttar Pradesh). एक शख्स जिसके जन्म लेते ही उसके मां बाप की हत्या कर दी गई। आज वो हजारों अनाथ बच्चों को जीने की राह दिखा रहा है। इस काम के लिए उसे सीएम योगी आदित्यनाथ ने यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित भी किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में इस युवा सागर रेड्डी ने अपना दर्द बयां किया, जिसे सुनकर सभी की आंखें नम हो गई।
जब मन में आया आत्महत्या का ख्याल
महाराष्ट्र में जन्में सागर रेड्डी कहते हैं, मेरे मां बाप की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि दोनों दूसरी जाति के थे। उनकी शादी से समाज खुश नहीं था। जन्म के बाद 17 साल तक मेरा जीवन अनाथालय में गुजरा। 18 साल का होते ही अनाथालय के दरवाजे मेरे लिए बंद हो गए। वहां से निकलने के बाद बहुत रोना आया, क्योंकि मेरे सिर पर छत नहीं थी और कोई मदद करने वाला भी नहीं था। कहां जाऊं, क्या खाऊं, कहां रहूं जैसे सवाल मेरे सामने थे। सड़क पर रात दिन बिताता था। कई बार मन में ख्याल आया कि आत्महत्या कर लूं, लेकिन कुछ करने की इच्छा शक्ति की सोच लेकर जीता रहा।
अनाथालय के सवाल ने दिखाई आगे जीने की राह
सागर कहते हैं, किसी तरह मेहनत मजदूरी करके इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान अंग्रेजी नहीं आने के कारण साथ के बच्चे और टीचर मजाक उड़ाते थे। लेकिन हर परिस्थिति में मैंने कुछ कर गुजरने की ठान ली थी। यही वजह थी कि कड़ी मेहनत के दम पर मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद तो जीवन आसान हो गया। अनाथालय से निकलने के बाद मैं हमेशा सोचता था कि वहां रह रहे बच्चों का 18 की उम्र के बाद क्या होगा। इसी सवाल ने मुझे आगे का रास्ता दिखाया।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।