
लखनऊ।(Uttar Pradesh ). अयोध्या मामले पर आज देश की सर्वोच्च अदालत में फैसला सुनाया जाएगा। इस फैसले का इंतजार कहीं न कहीं पूरे देश को लंबे समय से था। कोर्ट ने फैसले को सुनाने के लिए साढ़े दस बजे का समय दिया है। पांच जजों की पीठ CJI रंजन गोगोई की अगुवाई में इस फैसले को सुनाएगी।
अयोध्या फैसले से ठीक पहले hindi.asianetnews.com ने लंबे समय तक मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले और बाबरी एक्शन कमिटी के कर्ताधर्ता जफरयाब जिलानी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि कुछ घंटे तक उन्हें ये अनुमान था कि कोर्ट ये फैसला अब छुट्टियों के बाद यानि 13 नवंबर या उसके बाद सुनाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की रोज सुनवाई कर मामले को 40 दिन में निबटाने का फैसला लिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने लगातार 40 दिन तक अपनी दलीलें पेश किया। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने व तमाम साक्ष्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर आज सुबह साढ़े दस बजे देश के इस सबसे बड़े मुकदमे में फैसला सुनाने का ऐलान किया है।
कुछ घंटे पहले तक नहीं था आज फैसला आने का भरोसा
वकील जफरयाब जिलानी के मुताबिक उन्हें ये भरोसा बिलकुल नहीं था कि आज कोर्ट का फैसला आ सकता है। उन्होंने कहा, "मुझे ये लग रहा था कि कोर्ट का फैसला छुट्टियों के बाद आएगा। इसके लिए मैंने 12 नवंबर के बाद दिल्ली जाने की तैयारी कर रखी थी। लेकिन अब कोर्ट का निर्देश आ गया है तो वह सर्वमान्य है।"
फैसला कुछ भी आए लेकिन सौहार्द्र बनाए रखें
जफरयाब जिलानी ने लोगों से सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है। उनका कहना है कि हम सभी को इस फैसले का शिद्दत से इंतजार है। फैसला किसके पक्ष तो कोर्ट जाने लेकिन मेरी तरफ से सभी पक्षों से सौहार्द्र और आपसी भाईचारा कायम रखने की अपील है।
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