निर्दलीय बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। हालांकि सबूतों की रिकॉर्डिंग होने के बाद याचिका को पुनर्जीवित किया जा सकता है। 2017 चुनाव में विजय मिश्रा ने जो शपथ पत्र दाखिल किया था उसके मुताबिक उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, रेप व आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोपों वाले 16 मुकदमे दर्ज थे।
लखनऊ: यूपी के निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया है। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि यह जमानत के लिए उपर्युक्त मामला नहीं है, हालांकि सबूतों की रिकॉर्डिंग होने के बाद याचिका को पुनर्जीवित किया जा सकता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में जमानत नहीं दी जा सकती है।
आपको बता दें कि यूपी के भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल जेल में बंद हैं। लंबे वक्त से विजय मिश्रा इसी जेल में है। उन पर कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी के साथ आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। ज्ञात हो कि 2001 के चुनाव में विजय मिश्रा न सिर्फ खुद चुनाव जीते बल्कि उन्होंने 4 सीटों पर दूसरों को भी जीत दिलवाई। विजय मिश्रा पहले 2 बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर भी विधायक रह चुके हैं। मौजूदा समय में वह निर्दलीय विधायक हैं। इनकी बेटी भी 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी है।
नंद गोपाल नंदी की हत्या की साजिश रचने का भी लग चुका आरोप
विजय मिश्रा पर बहुचर्चित नंद गोपाल नंदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लग चुका है। उन्हें कुछ सालों पहले दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहां विजय मिश्रा अपनी पहचान छुपाकर रह रहे थे। 2017 के चुनाव में विजय मिश्रा ने जो शपथ पत्र दाखिल किया था उसके अनुसार उन पर हत्या, हत्या के प्रयास, रेप व आपराधिक साजिश रचने जैसे कई गंभीर आरोप वाले 16 मुकदमे थे।