
रामपुर: यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के विधायक आजम खान को रामपुर में मौलाना अली जौहर ट्रस्ट की जमीन अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाईकोर्ट के उस फैसले स्टे कर दिया गया है जिसमें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को टेकओवर को सरकार को हरी झंडी दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले को लेकर अगली सुनवाई अगस्त में होगी। फिलहाल तब तक के लिए आजम की इस जमीन को टेकओवर से राहत मिली है। आजम खान और उनके परिवार के सदस्य भी इस यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी हैं।
गौरलतब है कि साल 2005 में रामपुर में तत्कालीन यूपी सरकार की ओर से मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को 400 एकड़ जमीन की मंजूरी दी गई थी। इसी के साथ इसमें से 12.50 एकड़ जमीन पर जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए सीलिंग की गई थी। इसके बाद साल 2006 में यहां 45.1 एकड़ और 25 एकड़ अतिरिक्त जमीन की भी मंजूरी दी गई। हालांकि बाद में यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि यूनिवर्सिटी के साढ़े 12 एकड़ को छोड़कर शेष का अवैध अधिग्रहण है। इसके तत्काल वापस लिए जाने को भी कहा गया और दलील दी गई की ट्रस्ट ने शर्तों का पालन नहीं किया है।
ट्रस्ट पर लगा शर्तों के उल्लंघन का आरोप
यही नहीं मामले में एसडीएम ने भी अपनी रिपोर्ट में ट्रस्ट पर शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया। कहा गया कि 24,000 वर्ग मीटर जमीन में ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लिहाजा शर्तों का उल्लंघन करने पर जमीन वापस सरकार में निहित की जानी चाहिए। जिसके बाद एडीएम वित्त ने शेष जमीन को सरकार को सौंपने का आदेश दिया। ट्रस्ट ने इसी को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी। हालांकि अदालत ने भी कहा कि 12.50 एकड़ जमीन छोड़कर बाकी को राज्य सरकार को वापस लौटाने का एडीएम वित्त का आदेश सही है।
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