
शाहजहांपुर. एलएलएम की छात्रा के अपहरण के मामले में आरोपी पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद बुधवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मैं संतुष्ट हूं। एसआईटी की जांच मे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। मेरी छवि को खराब किया गया, जांच में सब साफ हो जाएगा।
चिन्मयानंद ने कहा, दुख इस बात का है कि जब हम लाॅ कॉलेज को एलएलएम देने की कोशिश कर रहे थे। नेक प्रशिक्षण करवा रहे थे, तभी कॉलेज के कुछ लोगों ने उस समय हंगामा खड़ा कर दिया। नेक A ग्रेड देने जा रहा था। उसी नेक ने B ग्रेड दे दिया था। उन्होंने लिखा था कि लाॅ कॉलेज के बच्चे अनुशासित नहीं हैं। आज जब हम विश्वविद्यालय की ओर बढ़ गए हैं। सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। कुछ दिन पहले वित्त मंत्री से हमारी बात भी हो गई थी। उनके साथ जाकर मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव दिया। इसी बीच अचानक ये मामला उछाल दिया गया। यह सिर्फ मेरी इस योजना को रोकने के लिए किया गया।
उन्होंने कहा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ये कौन लोग हैं, जो जिले और शैक्षिक उन्नति में बाधा डाल रहे हैं। वो जो भी लोग हैं, बेहद घिनौनी तरीका अपना रहे हैं। मैं किसी को निराश नहीं करना चाहता। मुझसे जुड़े दो मामले हैं, पहला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और दूसरा में एसआईटी का गठन हो चुका है। इसलिए मैं मीडिया के सामने कोई ऐसी बात कहकर एसआईटी का रास्ता नहीं रोकना चाहता।
बता दें, एलएलएम की छात्रा का कुछ दिन पहले अपहरण हो गया था। उसने कॉलेज के प्रबंधक व पूर्व केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उसके बाद परिवार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। कुछ दिन बाद पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद किया। घटना का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया, जहां सुनवाई के बाद एसआईटी जांच के आदेश दिए गए।
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