बदायूं की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी में तोड़फोड़ की घटना के बाद जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर आक्रामक हुई हैं, उसके बाद भाजपा में उनके राजनीति भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
राजीव शर्मा
बदायूं: बरेली मंडल के बदायूं जिले की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य वैसे तो अपने पिता पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के बाद से ही चर्चा में हैं। लेकिन मंगलवार को कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुए बवाल के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। दरअसल, फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र, जहां से उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहां मंगलवार को मौर्य के रोड शो के दौरान बवाल हो गया। मौर्य समर्थकों ने भाजपाइयों पर हमले का आरोप लगाया। इस घटना के बाद फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचीं संघमित्रा मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों पर न सिर्फ अपने पिता पर हमला करने बल्कि खुद को भी घेरे जाने का आरोप लगाया। जाहिर है कि उनका यह रुख अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ है और इस तरह वह पूरी तरह से अपने पिता के पक्ष में आ खड़ी हो गईं। इस पर भाजपा ने भले ही अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन बदायूं में भाजपाइयों के बीच सांसद के रुख पर प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर दिखने लगी हैं।
सपा के पक्ष में चुनाव प्रचार के आरोप को खारिज किया
स्वामी प्रसाद मौर्य जब भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए थे, तो संघमित्रा मौर्य से मीडिया ने सवाल किया था कि अब वह क्या करेंगी तो उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की निष्ठावान सिपाही हैं और भाजपा में ही रहेंगी। पार्टी के लिए चुनाव में काम करेंगी। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा था कि वह अपने पिता के चुनाव क्षेत्र में नहीं जाएंगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में उनके होने की बात सामने आ रही थी। वहां के भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों की ओर से आरोप लगाया गया कि संघमित्रा अपनी पार्टी के बजाय अपने पिता के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रही हैं। इसका वीडियो होने की बात कही गई तो सपा के लिए चुनाव प्रचार से इन्कार करते हुए इस आरोप के जवाब में सोमवार को संघमित्रा ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा- संघमित्रा मौर्य रात के अंधेरे में नहीं घूमती,अंधेरा और उजाला प्रकृति के नियमानुसार होता है। जिनके पास वीडियो है, सपा का प्रचार करते हुए, वो वायरल भी तो करे, सिर्फ अफवाह से काम नहीं चलता सुबूत चाहिए होता है। अगर वीडियो बनाने का शौक है तो आइए बनाइये मैं यही हूं। न घूघट में, न नकाब में, न हिजाब में, न मास्क में, मैं तो बिंदास घूमती हूं खुले आसमान में।
लाठी लेकर नजर आईं, वीडियो में बोलती दिखीं- इस बार स्वामी का साथ
मंगलवार को फाजिलनगर में सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बवाल के बाद संघमित्रा खुलकर अपने पिता स्वामी प्रसाद के पक्ष में दिखीं। फाजिलनगर से उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह हाथ में लाठी लेकर बेहद गुस्से में दिख रही हैं और भाजपाइयों पर अपने पिता पर हमले का खुला आरोप लगाते हुए कहती दिख रही हैं कि आइए, मैं भी आ गई अब तो। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत का भी संघमित्रा का वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह कह रही हूं कि जैसे ही पिता पर हमले की सूचना उनको मिली तो वह आ रही थीं, रास्ते में उनकी गाड़ियों को भी भाजपाइयों ने घेरा। पुलिस की पांच गाड़ियों की फोर्स ने उनको बचाया। भाजपाइयों ने उस महिला को भी घेरा, जो भाजपा की सांसद है इसलिए मैं फाजिलनगर के बहनों-बेटियों से कहती हूं इस बार स्वामी का साथ।
लाइव होकर बोलीं- न पार्टी छोडूंगी, न सांसद पद से इस्तीफा दूंगी
संघमित्रा मौर्य मंगलवार शाम को अपने फेसबुक पर लाइव हुईं। बोलीं- मैंने अब तक पार्टी के लिए काम किया और बेटी का भी फर्ज निभाया लेकिन न तो पार्टी से इस्तीफा दूंगी, न सांसद के पद से। उन्होंने अपने विरोधियों पर चोट की। बदायूं में भाजपा के अंदर की राजनीति पर सवाल उठाए। कहा कि बदायूं में खेला हो रहा है। बिना नाम लिए बोलीं- कई लोग चुनाव में खेल किए हैं। इसके सुबूत आडियो के रूप में उनके पास हैं। उनको अब पार्टी हाईकमान के सामने रखूंगी। जो लोग मेरे बारे में अफवाह उड़ाते हैं, उनको राजनीति का मतलब बताऊंगी और जवाब दूंगी।
पार्टी के रुख का भाजपाइयों को इंतजार
लाइव के दौरान संघमित्रा मौर्य ने यह भी कहा कि फाजिलनगर की जनता पिता पर हमला करने वालों को वहां 3 मार्च को होने वाले मतदान में जवाब देगी। इससे साफ हो जाता है कि उनका दावा पिता की जीत का है। इसके बाद से बदायूं के भाजपा कार्यकर्ताओं को इस पर पार्टी के रुख और अगले कदम का इंतजार है। हालांकि स्थानीय भाजपा नेता इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा संघमित्रा को लेकर कोई निर्णय कर सकती है। उनका स्पष्टीकरण भी मांगा जा सकता है। हालांकि पार्टी का रुख अभी साफ नहीं है। वहीं, अपने संसदीय जिले बदायूं में संघमित्रा मौर्य दूसरे चरण में हुए मतदान से पूर्व भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करती दिखी थीं। वह प्रत्याशियों के नामांकन में भी नजर आई थी।