मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर बोले BJP प्रदेश अध्यक्ष- कांग्रेस को चुनावी लाभ देने के लिए उनका भोपू बन रहा बोर्ड

प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अब चुनाव नजदीक हैं, इसलिए पर्सनल लॉ बोर्ड इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। बोर्ड की हरकत से ऐसा लग रहा है कि वह कांग्रेस को चुनावी लाभ दिलाने के लिए उसका भोंपू बन गया है। 

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra dev singh) ने मंगलवार को कहा कि सूर्य नमस्कार (Surya namaskar) को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (MUslim personal law board) का रवैया राजनीति से प्रेरित है, पर्सनल लॉ बोर्ड को राजनीति से बचना चाहिए। सूर्य नमस्कार योग का ही हिस्सा है, जिसे आज पूरी दुनिया यहां तक कि मिडिल ईस्ट के तमाम मुस्लिम देशों ने भी इसे मान्यता दे रखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोग्य से जुड़ी योग और इसकी विविध विधाओं को पूरी दुनिया में मान्यता दिलाकर भारत का गौरव बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अब चुनाव नजदीक हैं, इसलिए पर्सनल लॉ बोर्ड इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। बोर्ड की हरकत से ऐसा लग रहा है कि वह कांग्रेस को चुनावी लाभ दिलाने के लिए उसका भोंपू बन गया है। 

राजनीति का चश्मा लगाकर गलत बयानबाजी कर रहा पर्सनल लॉ बोर्ड- प्रदेश अध्यक्ष
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर के शैक्षिक संस्थाओं को 1 जनवरी से 7 फरवरी तक बीच सूर्य नमस्कार से जुड़ी गतिविधि कराने के लिए कहा है। इसमें किसी को कोई बुराई नहीं दिखती है, लेकिन राजनीति का चश्मा चढ़ाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड गलतबयानी कर रहा है। बोर्ड कांग्रेस के इशारे पर उसे प्राचीन भारतीय ज्ञान पर सवाल खड़ा करने के ही एजेंडे का काम कर रहा है। 

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पर्सनल लॉ बोर्ड को दी युवाओं को प्रोत्साहित करने की सलाह
उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवाओं के आइकन मुहम्मद शमी और मुहम्मद कैफ को जब इसमें कोई बुराई नहीं दिखती है तो बोर्ड को इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए। बोर्ड को इसमें धर्म के नाम का पर्दा हटा देना चाहिए। उसे युवाओं को बेहतर-अनुशासित जीवन शैली के लिए योगासन और सूर्य नमस्कार को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि कोविड जैसी आपदा में सूर्य नमस्कार और योगासन और प्राणायाम से खुद की शारीरिक क्षमता को दुरुस्त किया था और विपत्ति के समय आरोग्य अर्जित किया। आज दुनिया के करोड़ों लोगों के बीच सूर्य नमस्कार की मान्यता है। दुनिया के दर्जनों मुस्लिम देशों में योगासन के प्रशिक्षण के वैश्विक केंद्र तक चलाये जा रहे हैं। योग और सूर्य नमस्कार को धर्म के चश्में से देखने की बजाय आरोग्य की प्राचीन भारतीय विधा के रूप में देखा जाना चाहिए। बोर्ड को अवैज्ञानिक और तर्कहीन बयान वापस लेकर सभी को इसका प्रचार करना चाहिए।

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