ताजमहल को तेजो महालय करने पर आगरा नगर निगम में पेश होगा प्रस्ताव, जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी की ताजनगरी ताजमहल के नाम बदलने की मांग बुधवार को नगर निगम के सदन में उठेगी। भाजपा पार्षद ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव सदन में पेश करेंगे। उनका कहना है कि शहर में पहले भी कई चौराहों और सड़कों  के नाम को बदला गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 31, 2022 3:17 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में 31 अगस्त बुधवार को ताजमहल को लेकर एक नया प्रस्ताव पेश होने जा रहा है। इससे पहले भी ताजनगरी में करीब साढ़े चार साल में 80 से ज्यादा सड़कों और चौराहों के नाम बदलने ला चुके है। इसी कड़ी में आगरा नगर निगम में बुधवार को ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का प्रस्ताव लाया जाएगा। ताजगंज के बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर बुधवार को दोपहर तीन बजे से होने वाले नगर निगम सदन के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पेश करेंगे। 

भाजपा पार्षद ने ताजमहल को लेकर कही ये बात
पार्षद का कहना है कि उन्होंने प्रस्ताव संख्या 4(7) में इससे संबंधित कई तथ्य रखे हैं। उसी के आधार पर नाम बदलने का प्रस्ताव सदन के सामने रखा जाएगा। पार्षद शोभाराम के अनुसार लोहामंडी, मुगल रोड, घटिया आजम खां समेत कई सड़कों, चौराहों के नाम बदले गए हैं इसलिए अब समय आ गया है कि ताजमहल का नाम भी बदलकर तेजो महालय किया जाए। उनका कहना है कि वह ऐतिहासिक तथ्यों को सदन में रखेंगे और नाम बदलने पर समर्थन मांगेंगे। बता दें कि हिंदूवादी संगठन लगातार ताजमहल को तेजो महालय बताते आ रहे हैं। इसी वजह से कई बार विवाद भी खड़ा हो चुका है।

इन चौराहों और सड़कों के बदले गए थे नाम
शहर में इन जगहों के नाम बदले गए जैसे- धूलियागंज चौराहे का नाम विनायक वीर सावरकर के नाम पर, लोहामंडी के नौबस्ता चौराहे का नाम गुरु नानक देव चौक, मुगल रोड और कमला नगर का नाम महाराजा अग्रसेन मार्ग, घटिया आजम खां का नाम अशोक सिंघल मार्ग, मंटोला, कंगालपाड़ा का नाम वीरांगना झलकारी बाई के नाम पर रखा गया है। अब शहर में ताजमहल के नाम को बदलने को लेकर मांग उठ रही है। पिछले कुछ महीनों में ताजमहल को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है।

हाउस टैक्स के सर्वे पर हो सकता है हंगामा
आगरा नगर निगम सदन के सामान्य अधिवेशन में हाउस टैक्स के सर्वे पर हंगामा हो सकता है। दरअसल नगर निगम ने निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन से हाउस टैक्स का सर्वे कराया है। इसके बाद नगर निगम ने 97 हजार नोटिस भेजे हैं। जिसमें कई प्रकार की खामियां मिल रही हैं। दिसंबर में वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। 40 करोड़ रुपये के काम न होने के कारण से पार्षद भी नाराज हैं। चुनावी साल में 345 विकास कार्य रुके हुए हैं। इन्हीं सब मामले को लेकर हाउस टैक्स के सर्वे पर हंगामा हो सकता है। 

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