इन वजहों से फिर नहीं बनी SP-RLD के गठबंधन पर बात, समझिए कहां फस रहा पेच

Published : Jan 07, 2022, 11:45 AM ISTUpdated : Jan 07, 2022, 11:56 AM IST
इन वजहों से फिर नहीं बनी SP-RLD के गठबंधन पर बात, समझिए कहां फस रहा पेच

सार

अभी 36 सीटों पर बात हुई है लेकिन पश्चिमी यूपी के बाहर भी जयंत कुछ सीट मांग रहे हैं। जिस पर अखिलेश तैयार नहीं हो रहे हैं यहीं वजह है कि गुरुवार को देर शाम तक मीटिंग चलने के बाद भी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी है।

लखनऊ: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने विधानसभा चुनाव के लिए बने सपा-रालोद (SP-RLD) गठबंधन को और मजबूती देने का काम तेज कर दिया है। इसमें मुख्य फोकस पश्चिमी यूपी में सीटों के बंटवारे पर रहा। इसके साथ-साथ जाट-मुस्लिम वोटबैंक के साथ दलित वर्ग में पैठ बनाने पर मंथन हुआ। बैठक करीब ढाई घंटे चली और कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार शाम को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में जयंत चौधरी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अभी 36 सीटों पर बात हुई है लेकिन पश्चिमी यूपी के बाहर भी जयंत कुछ सीट मांग रहे हैं। जिस पर अखिलेश तैयार नहीं हो रहे हैं यहीं वजह है कि गुरुवार को देर शाम तक मीटिंग चलने के बाद भी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी है।

जयंत सुबह दस बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री (Sompal Shastri) के साथ लखनऊ पहुंचे और अखिलेश के आवास पर उनसे मुलाकात की। बाद में आवास और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में शाम तक दो बार दोनों की मीटिंग हुई और सीटों पर चर्चा हुई। दरअसल इस विधानसभा चुनाव में सपा और रालोद का गठबंधन हो चुका है लेकिन अभी सीटों पर बंटवारा तय नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि 36 सीटें रालोद को देने पर सहमति हो चुकी है लेकिन जयंत कुछ और सीटें मांग रहे हैं। पूर्व सांसद सोमपाल शास्त्री भी मौजूद रहे। 

अखिलेश-जयंत दोनों ने किया ट्वीट 
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मुलाकात की फोटो शेयर की और लिखा जयंत चौधरी जी के साथ उत्तर प्रदेश के भविष्य के विकास की बात। जबकि जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, यूपी के विकास पर साझेदारी पुख्ता हुई है। दोनों नेताओं ने एक ही फोटो शेयर की है। इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री भी मौजूद रहे। शास्त्री भाजपा के टिकट पर बागपत से सांसद रह चुके हैं। 

सीटों पर अभी भी असमंजस
बताया जा रहा है कि पूर्व की मुलाकात में 36 सीटों पर बनी सहमति में अब कुछ सीटें कम हो सकती हैं। जो सीटें कम होंगी, उतने रालोद प्रत्याशियों को सपा अपना चुनाव चिन्ह देकर टिकट देगी। दो एक सीट पर सपा भी इसी तरह अपने लोगों को रालोद से लड़ा सकती है। गठबंधन का जोर इस बात पर है कि पश्चिमी यूपी में भाजपा की घेराबंदी कर सामाजिक समीकरण अपने पक्ष में मजबूत कर लिया जाए। बैठक में गठबंधन में कौन सी सीट को किसको जाएगी, इस पर भी काफी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में घोषित होगा कि कौन-कौन सी सीट रालोद को मिलेगी।

कार्यकर्ताओं से नहीं मिले जयंत
लखनऊ आए जयंत कार्यकर्ताओं से नहीं मिले। हवाई अड्डे पर उनके आगमन की सूचना पर वहां कुछ कार्यकर्ता पहुंच गए और उनसे अवश्य केवल चलते चलते अभिवादन हुआ। लखनऊ में पार्टी के किसी पदाधिकारी को जयंत ने अपने आगमन की न तो पहले सूचना दी और न ही किसी से मुलाकात की। कार्यकर्ताओं में यह भी चर्चा रही कि रालोद में पुराने वरिष्ठ पदाधिकारी होने के बावजूद जयंत पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री के साथ अखिलेश से मिलने आए। सोमपाल शास्त्री ने चौधरी अजित सिंह को लोकसभा चुनाव में पहली बार हराया था और भाजपा सरकार में कृषि मंत्री बने थे। उन्होंने हाल ही में रालोद का दामन थामा है। हालांकि उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है और जयंत उसी का लाभ उठाना चाहते हैं।

SP-RLD का गठबंधन तो हो गया, लेकिन सीटों को लेकर अभी भी खींचातान जारी...आज होगी बात

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