पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाले तेज बहादुर की याचिका खारिज, ये है पूरा मामला

न्यायालय में 18 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने बहादुर के वकील से कहा, ‘आपको यह प्रमाण पत्र संलग्न करना था कि आपको (बहादुर) सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया है। आपने ऐसा नहीं किया। आप हमें बतायें कि जब आपका नामांकन पत्र रद्द हुआ था, क्या आप एक पार्टी के प्रत्याशी थे।

लखनऊ (Uttar Pradesh) । सुप्रीम कोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर के नामांकन रद्द होने के मामले में दायर अपील पर आज फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिका को खारिज कर दी। बता दें कि तेज बहादुर सपा के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन किए थे, जिनका नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया था। वहीं, इस मामले में दायर याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी। तेज बहादुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने तेज बहादुर का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।

18 नवंबर को कोर्ट ने पूछा था ये सवाल
न्यायालय में 18 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने बहादुर के वकील से कहा, ‘आपको यह प्रमाण पत्र संलग्न करना था कि आपको (बहादुर) सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया है। आपने ऐसा नहीं किया। आप हमें बतायें कि जब आपका नामांकन पत्र रद्द हुआ था, क्या आप एक पार्टी के प्रत्याशी थे।

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यह है पूरा मामला
वाराणसी में 19 मई, 2019 को लोकसभा चुनाव होना था। तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को सपा के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, इसे एक मई को रिटर्निंग अफसर ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे 19 अप्रैल, 2017 को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

नहीं प्रस्तुत किए थे दस्तावेज
तेज बहादुर से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें, जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों, लेकिन वह निर्धारित समय में आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर सके। 

तेज बहादुर ने लगाया था ये आरोप
तेज बहादुर यादव ने कहना था कि उन्होंने नामांकन पत्र के साथ अपने बर्खास्तगी का आदेश दिया था, जिसमें साफ था कि उसे अनुशासनहीनता के लिए बर्खास्त किया गया था। याचिका में ये भी कहा गया था कि रिटर्निंग अफसर ने उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वाजिब समय भी नहीं दिया।

इस आरोप में हुए थे बर्खास्त
तेज बहादुर को 2017 में सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वीडियो में तेज बहादुर ने आरोप लगाया था कि सशस्त्र बल के जवानों को घटिया किस्म का भोजन दिया जाता है।
 

 

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