काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र को कार्बन से मुक्त करने के लिए मंदिर प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम, जानें क्या है प्लान

श्री काशी विश्वधाम क्षेत्र को कार्बन और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए मंदिर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। सीएसआर फंड के तहत श्री काशी विश्वनाथ धाम में एयर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं। बाबा विश्वनाथ का धाम प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जो पूरी तरह से कार्बन व धूल कणों से मुक्त होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 9, 2022 4:31 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी में मंदिर निर्माण के बाद एक बार फिर श्रद्धालुओं को एक सौगात मिलने जा रही है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन ने तैयारी करना शुरू कर दिया है। धाम में अब श्रद्धालुओं को आनंदकानन की हवा का आभास होगा।  मंदिर प्रशासन ने धाम क्षेत्र को कार्बन से मुक्त करने के लिए पहल शुरू कर दी है। बाबा विश्वनाथ का धाम प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जो पूरी तरह से कार्बन व धूल कणों से मुक्त होगा। इसके लिए सीएसआर फंड के तहत श्री काशी विश्वनाथ धाम में एयर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं। 

प्रदूषण से मुक्त करने के लिए लिया निर्णय
बाबा के धाम विश्वनाथ में आने वाले हर श्रद्धालुओं को अब साफ-सुधरी और कार्बन से मुक्त हवा मिलेगी। सीएसआर फंड के तहत श्री काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र में 12 जगहों पर एयर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं। प्यूरीफायर लगाने के लिए सर्वे का काम पूरा होने के बाद अब प्यूरीफायर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। निर्माण कार्य के कारण आसपास के क्षेत्र से पेड़-पौधों में भी कमी आई है। तो वहीं दूसरी ओर मणिकर्णिका घाट पर दहकती चिताओं के कारण श्री काशी विश्वनाथ धाम पीएम 2.5 और पीएम 10 के साथ ही कार्बन की मात्रा में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी वजह से मंदिर प्रशासन ने धाम क्षेत्र को कार्बन व प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एयर प्यूरीफायर लगाने का निर्णय लिया है।  

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सीएसआर से सफाई व्यवस्था को जाएगा सुधारा
श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के दौरान धवस्तीकरण से हो रहे प्रदूषण को देखते हुए एयर प्यूरीफायर लगाया गया था। जिला प्रशासन, मंदिर प्रशासन व एक कंपनी के सहयोग से ट्रायल के रूप में एयर प्यूरीफायर लगाकर मंदिर के आसपास की आबोहवा को शुद्ध करने का ट्रायल किया था। मंदिर परिसर में लगाई गई इस मशीन में पांच किलोमीटर तक के क्षेत्र से धूल के कण को सोखने की क्षमता थी। एक बार फिर सीएसआर फंड से सफाई व्यवस्था को सुधारा जाएगा। सीएसआर फंड से अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई जाएंगी। इसके अलावा मंदिर क्षेत्र के भवनों में भी सीएसआर फंड के तहत फर्नीचर भी मंगाए जा रहे हैं। सर्वे के बाद प्यूरीफायर लगाने का काम शुरू हो गया है। 

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