Up News: नकली दवा के आरोपियों को कोर्ट से मिली जमानत, नहीं साबित हुआ जुर्म

उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाइकोर्ट की ओर से नकली सीरप बनाने वाले आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। आरोपियों पर एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज था। रिपोर्ट में सीरप नकली साबित न होने पर सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है। नकली सीरप की बरामदगी का दावा करते हुए पांच पर रिपोर्ट दर्ज कर की गई थी। 


 

यूपी: इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabaad High Court) ने नकली दवाएं बेचने वाले आरोपियों को जमानत दे दीं। आरोपियों पर नकली दवाएं (Counterfeit Drugs) बेचने और सेवन करने का आरोप था। इन सभी आरोपियों पर  नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन  अब कोडीन साम कोर्ट ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में सीरप नकली साबित न होने पर सभी आरोपियों को जमानत दे दी है। तीन माह पहले खांसी की नकली सीरप की बरामदगी का दावा करते हुए पांच पर रिपोर्ट दर्ज कर की गई थी, जिसमें से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब यह मामला पुलिस टीम और दो औषधि निरीक्षकों पर भारी पड़ गया है। हाईकोर्ट ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट में सीरप नकली साबित न होने पर सभी आरोपियों को जमानत दे दी है।

नकली सीरप बनाने का कारोबार
बताया जा रहा कि शक्तियों का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रिपोर्ट दर्ज करने पर दो औषधि निरीक्षक (डीआई) व पांच पुलिस कर्मियों पर एफआईआर के आदेश दिए हैं। गंगाघाट पुलिस ने 28 अगस्त 2021 को शक्ति नगर में एक कारखाने में छापा मारकर खांसी के सीरप की 1540 शीशियां बरामद की थीं। इस मामले में पुलिस का दावा था कि कारखाने में नकली सीरप बनाने का कारोबार चल रहा था। पुलिस ने शक्ति नगर निवासी सोनू तिवारी, अजय बाजपेई और ब्रह्मनगर निवासी गौरव सिंह को गिरफ्तार किया था। ब्रह्मनगर के ही विकास गुप्ता और इंदिरा नगर के फैज को फरार दिखाया था।

Latest Videos

एनडीपीएस एक्ट में रिपोर्ट दर्ज 
इस टीम में शामिल रहे सीतापुर जिले के औषधि निरीक्षक नवीन कुमार व उन्नाव के औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी ने सैंपल लेकर जांच के लिए एफएसएल लखनऊ भेजा था। पांचों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व एनडीपीएस एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की थी। तीन को न्यायिक हिरासत में कोर्ट ने जेल भेज दिया था। बिना एफएसएल की रिपोर्ट आए 90 दिन में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिला सत्र न्यायालय से आरोपी अजय बाजपेई की जमानत अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई थी।

कोर्ट ने की सभी आरोपियों की जमानत मंजूर 
आरोपी अजय बाजपेई के पक्ष के वकील नीरज सिंह ने बताया कि सुनवाई कोर्ट नंबर 27 में चल रही थी। आवेदक के वकील नीरज सिंह ने प्रस्तुत किया कि यह दवाएं थीं जो निर्मित की जा रही थीं, उसमें कुछ भी अवैध पदार्थ नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि जब्ती अवैध थी और अधिकारियों ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपने वैधानिक अधिकार का दुरुपयोग किया है। इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश पंकज भाटिया ने सभी आरोपियों की जमानत मंजूर कर दी। पकड़े गए लोगों को तंग करने और अनावश्यक रूप से दवाओं को जब्त करने वाली टीम में शामिल दोनों औषधि निरीक्षकों, गंगाघाट थाने के उपनिरीक्षक रोहित कुमार पांडेय, अबू मोहम्मद कासिम, सिपाही कृष्णपाल सिंह, मुकेश मिश्र, राजेश कुमार पर धारा 58 (1) ख (अवैध तरीके से दवाओं को जब्त करने व गलत तरीके से परेशान करने) के तहत रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने सुनाया फैसला
बता दें कि मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद, न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने फैसला सुनाया कि अधिकारियों द्वारा की गई तलाशी और जब्ती शक्ति का दुरुपयोग है। वहीं, दूसरी ओर औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है। बरामद सीरप का एक नमूना औषधि विभाग की ओर से भी जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। उसकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

Astro Tips: धन लाभ के लिए घर में रोज कहां लगाएं 1 दीपक?
बदल गया दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम, जानें क्या है नया नाम? । Birsa Munda Chowk
जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग