निषाद समुदाय के रवैये को देखते हुए को प्रदेश सरकार ने आरक्षण देने के मामले में पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर तत्काल मार्गदर्शन मांगा गया है।
लखनऊ: निषाद समुदाय (Nishad Samuday) आरक्षण के मुद्दे पर लगातार अशांत होता जा रहा है, जिससे भाजपा (BJP) के लिए संकट गहराता जा रहा है। निषाद समुदाय के लोग पिछले सप्ताह लखनऊ में भाजपा-निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इस संबंध में एक घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि शाह ने रैली में आरक्षण (Reservation) के मुद्दे का जिक्र तक नहीं किया और जैसे ही रैली खत्म हुई, समुदाय के गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियां तोड़ दीं और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी निषाद समाज को आरक्षण उपलब्ध कराए जाने की दिशा में पहल करते हुए भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है। आयुक्त को बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का उल्लेख है।
अनुसूचित जाति की सूची में है मझवार जाति का जिक्र
विशेष सचिव रजनीश चंद्र ने जनगणना आयुक्त को भेजे गए पत्र में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद के ज्ञापन को भी संलग्न किया है। इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का जिक्र है। डा. संजय निषाद का कहना है कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मझवार जाति के लोग माझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद आदि उपनामों का प्रयोग करते हैं। इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जाता, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों को उपनाम लिखने पर उन्हें प्रमाण पत्र निर्गत करने में कोई आपत्ति नहीं है।
आपको बता दें बीते 17 दिसंबर को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में सरकार बनाओ, अधिकार पाओ सयुंक्त विशाल महारैली हुई थी। इस महारैली में बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah), मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और सहकारिता मंत्री भी शामिल थे। रैली की अध्यक्षता निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार निषाद (Sanjay Kumar Nishad) की थी।