लॉक डाउन से गरीबों के खाने को पड़े लाले, 2 दिनों से भूखा मिला यह मजदूर का परिवार

मजदूर के परिवार का कहना था कि थाने जाने से पहले अपने इलाके के पार्षद से मिला था तो उन्होंने कोई मदद नहीं की। उल्टे ही मेरे पर ही आरोप लगाने लगे कि शराबी हो। मेरे बच्चे भूखे मर रहे थे तो मेरे पड़ोस में रहने वाले पड़ोसियों ने मेरी मदद की। 

Ankur Shukla | Published : Mar 26, 2020 3:48 AM IST

मेरठ (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस पर नियंत्रण करने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है। लेकिन, इस दौरान अपने ही घरों में कैद गरीब परिवारों को दिक्कतें होनीं शुरू हो गई हैं। इनमें बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके यहां खाने के लाले पड़ गए हैं। ऐसा ही एक मामला मेरठ शहर के कंकरखेड़ा क्षेत्र से सामने आया है। जहां दो दिन से एक मजदूर का परिवार भूख-प्यास से तड़पता हुआ घर में ही पड़ा रहा। पार्षद ने हाथ खड़े किए तो परिवार ने पेट की भूख मिटाने के लिए थाने में ही पहुंच गया। हालांकि पुलिस ने उसकी न सिर्फ मदद की, बल्कि उसके घर राशन भी पहुंचवाया।

यह है पूरा मामला
कंकरखेडा के लाला मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले इमरान पुत्र हकीमुद्दीन के घर में दो दिन से खाना बनाने के लिये राशन तक नहीं था। उसका पूरा परिवार दो दिन से भूखा प्यासा घर के अंदर कैद था। आखिर में जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो इमरान अपनी पत्नी आशिमा, दो बेटों और दो बेटियों के साथ कंकरखेडा थाने पहुंचा। थाना प्रभारी बिजेन्द्र पाल सिंह राणा को अपनी व्यथा सुनाई। 

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थाना प्रभारी ने किया ऐसे मदद
इमरान ने बताया कि मजदूरी न करने के कारण उनका पूरा परिवार दो दिन से भूखा है। घर में खाना बनाने के लिए राशन तक नहीं है। उनके बच्चे बहुत परेशान हैं। इस तरह तो वह और उसका परिवार जिंदा नहीं रह पाएगा। मजदूर का दर्द सुनकर थाना प्रभारी बिजेन्द्र पाल सिंह राणा ने पूरे परिवार को अपने ऑफिस में बैठाया और तुरंत अपने घर से राशन मंगाकर दिया। थाना प्रभारी ने अपनी तरफ से इमरान को 500 रुपये भी दिए।

दिलाया हर संभव मदद का भरोसा
थाना प्रभारी बिजेन्द्र पाल सिंह राणा ने इमरान के परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा लिया है। उन्‍होंने इमरान से कहा कि घर पर पहुंचकर अपने बच्चों को खाना बनाकर खिलाओ और आगे भी तुम्हारी मदद की जाएगी। इमरान और उनके पूरे परिवार के सभी सदस्यों ने थाना प्रभारी का शुक्रिया अदा किया।

पीड़ित परिवार कह रहा ये बातें
इमरान ने बताया, 'मैं थाने जाने से पहले अपने इलाके के पार्षद से मिला था तो उन्होंने मेरी कोई मदद नहीं की। उल्टे ही मेरे पर ही आरोप लगाने लगे कि मैं शराबी हूं। मेरे बच्चे भूखे मर रहे थे तो मेरे पड़ोस में रहने वाले पड़ोसियों ने मेरी मदद की। मैं अल्लाह से दुआ करूंगा कि कंकरखेड़ा थानाध्यक्ष की तरक्की हो और अल्लाह उनकी हिफाजत करें।
 

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