सामरिक क्षेत्र में भारत को और ताकतवर बनाने की दिशा में लखनऊ भी बड़ा योगदान देने जा रहा है । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रविवार को कानपुर रोड पर ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही डीआरडीओ लैब का भी शिलान्यास रक्षा मंत्री द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे और शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
लखनऊ: यूपी की राजधानी में लगातार डिफेंस कॉरिडोर (Defence Corridor) को लेकर काम में 26 दिसंबर को एक नया कीर्तिमान जोड़ने जा रहा है। रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) लखनऊ स्थित कानपुर रोड पर ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शिलान्यास करने जा रहे हैं। इसके साथ ही रक्षामंत्री डीआरडीओ लैब का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi adityanath) समेत प्रदेश के कई मंत्रीगण मौजूद रहेंगे।
एक रुपये की लीज पर 80 हेक्टेयर जमीन कराई गई उपलब्ध
भारत अपनी तीनों सेनाओं को आधुनिकीकरण करने में जुटा हुआ है। इसी के तहत रूस के साथ समझौता कर भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण किया और उसे अपनी तीनों सेनाओं में शामिल किया। आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है, जिनके पास हवा, जमीन और जल से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है। ब्रह्मोस मिसाइल को तीनों ही जगहों से छोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया मंत्र को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफेंस कॉरिडोर का जो सपना देखा अब वह पूरा होता दिख रहा है। ब्रह्मोस यूनिट के लिए सरकार ने मात्र एक रुपये की लीज पर 80 हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध कराई है।
डीआरडीओ खर्च करेगा 10000 करोड़ रुपये
इसके अलावा अमौसी एयरपोर्ट के ठीक बगल में डीआरडीओ लैब खुलेगी, जहां पर रक्षा अनुसंधान और विकास के कार्य को सकेंगे। डीआरडीओ इन दोनों प्रोजेक्ट में 10000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रहा है। जाहिर है इससे भारत की सैन्य क्षमताओं में इजाफा होगा ही उद्यमियों को भी नए अवसर मिलेंगे। यूनिट की स्थापना और उत्पादन शुरू होने के बाद से तमाम लघु सूक्ष्म और बड़े उद्योगों को भी काम मिलेगा। लाखों रोजगार के अवसर निकलेंगे। ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल है, जिसे कहीं से भी छोड़ा जा सकता है।