उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में शर्मसार करने वाली तस्वीरः नहीं मिला शव वाहन, बाइक पर पिता का शव लेकर गया बेटा

यूपी के बाराबंकी में मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां शव वाहन न मिलने पर एक बेटा अपने पिता का शव बाइक पर लेकर पहुंचा। परिजनों के अनुसार उन्होंने काफी देर तक इंतजार किया लेकिन कोई भी वाहन वहां नहीं आया। जिसके बाद मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2022 10:54 AM IST / Updated: Mar 22 2022, 06:44 PM IST

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barabanki) से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यह मामला हैदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है। यहां एंबुलेंस (108 Ambulance) नहीं मिलने के कारण शख्स अपने पिता को बाइक पर बैठाकर घर ले गया। 

घटना सुबेहा थाना इलाके के रजवापुर थलवारा गांव का है। जहां 55 वर्षीय शिवशंकर गौतम टीबी की बीमारी से ग्रसित थे। लेकिन इसी बीच सोमवार को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें लेकर हैदरगढ़ सीएचसी लेकर आए। जहां उनका इलाज शुरू किया गया। इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई। परिजनों ने इसके बाद शव को लेकर जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन काफी देर बीतने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। 

परिजन बताते हैं कि वह शव ले जाने के लिए काफी देर तक वाहन को खोजते रहें। हालांकि वाहन न मिलने पर मृतक के पुत्र ने गांव के शख्स को फोन कर बाइक लेकर बुलाया। इसके बाद पिता के शव को बाइक पर बैठकर घर ले जाया गया। शव को ले जाते वक्त कुछ लोगों ने इसका फोटो भी लिया। यह फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 

मुरादाबाद में महिला को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचे थे लोग 
बाराबंकी से पहले स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की तस्वीरें मुरादाबाद से भी सामने आई थीं। जहां जिला चिकित्सालय में एक महिला बुजुर्ग मरीज को आधा दर्जन से अधिक लोग ठेले पर रखकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों का आरोप था कि एंबुलेंस को कई बार कॉल की गई, लेकिन एंबुलेंस न मिलने के चलते मरीज की लगातार हालत बिगड़ने की वजह से मरीज को ठेले पर रखकर जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा। जहां अस्पताल पहुंचते ही मरीज को उपचार स्वास्थ्य कर्मियों ने शुरू कर दिया है।

दरअसल मुरादाबाद जनपद के थाना नागफनी इलाके के बगुला गांव इलाके में रहने वाली महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। महिला की तबीयत बिगड़ती ही परिजनों ने एंबुलेंस को कई कॉल की लेकिन एम्बुलेंस स्टॉप परिजनों को लगाता एंबुलेंस ना होने की बात कहता रहा। जिसके बाद परिजनों ने घंटों एंबुलेंस को कॉल करके थक-हार के खुद अपने मरीज को अस्पताल लेकर जाने का फैसला किया। तब परिजनों ने ठेले पर मरीज को लिटा कर अस्पताल पहुंचे हैं, जहां मरीज का उपचार स्वास्थ्य करेंगे द्वारा शुरू किया गया। 

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