पूर्वान्चल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित पूर्वान्चल विकास बोर्ड की चौथी वर्चुअल बैठक में भविष्य की योजनाओं पर मंथन किया गया।
गोरखपुर. पूर्वान्चल क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित पूर्वान्चल विकास बोर्ड की चौथी वर्चुअल बैठक में भविष्य की योजनाओं पर मंथन किया गया। लखनऊ एनआईसी से बैठक की अध्यक्षता कर रहे बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वांचल के विकास के लिए विभिन्न विभागों के दीर्घकालीन, मध्यकालीन एवं अल्पावधि की प्राथमिकताएं तय करना होगा। सामाजिक एवं आर्थिक विकास की समग्र कार्य योजना बनाने और कार्य योजना के अनुरूप विभागीय योजनाओं से अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित किए जाएं।
गोरखपुर जिले में बैठक का संचालन एनआईसी सभागार एवं आयुक्त कार्यालय सभागार से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किया गया। बैठक में बोर्ड की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने 13 समितियों के प्रजेन्टेशन को देखने के बाद निर्देश दिया कि 30 अक्टूबर तक कोई भी सुझाव दे सकता है। उन्होंने पूर्वांचल विकास बोर्ड के कार्यालय की स्थापना पर भी नाराजगी जताई। नियोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 30 अक्टूबर तक कार्यालय खोल दिया जाएगा। बोर्ड सदस्यों के असंतोष पर अध्यक्षता कर रहे बोर्ड उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वान्चल के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। नवम्बर माह में गोरखपुर जिले में 27 नवंबर से 29 नवंबर तक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित होगी। इसके लिए सभी जरूरी तैयारी करें।
कई विभागों के जिम्मेदार अफसरों ने लिया बैठक में भाग
बैठक में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहाकार केवी राजू, अपर मुख्य सचिव नियोजन विभाग, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लिकर समेत विभिन्न विभागों के मण्डल स्तरीय अधिकारी शामिल रहे। बैठक में ग्रामीण क्षेत्र में जीवन स्तर में सुधार के लिए कार्यक्रमों, पूर्वान्चल क्षेत्र में शिक्षा एवं चिकित्सा की गुणवत्ता में सुधार के लिए योजनाओं को लागू कराने, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उपायों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का सहयोग लेने एवं संसाधनों को प्राप्त करने लिए सुझाव लेने के विचार आए। इस बैठक में गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, विन्धयांचल, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, अयोध्या मण्डल के संबंधित अधिकारी अपने अपने जिलों से आनलाइन बैठक में जुड़े।
बोर्ड के सदस्यों ने जताया असंतोष , रखी मांग
बैठक में गोरखपुर से जुड़े राज्यसभा सांसद एवं बोर्ड के सदस्य जय प्रकाश निषाद ने सलाह दिया कि पूर्वान्चल विकास निधि योजना की तरह सदस्यों को भी पूर्वान्चल के विकास कार्यो के लिए आवश्यक प्रस्ताव प्राप्त करने की व्यवस्था की जाए। यह भी सुझाव दिया कि पूर्वान्चल विकास निधि का कियान्वयन लोक निर्माण विभाग के स्थान पर नियोजन विभाग से कराया जाए। बोर्ड के सदस्य विजय शंकर यादव ने सुझाव दिया कि बोर्ड के परामर्शदात्री सदस्यों के साथ जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा समन्वय नहीं दिख रहा। जनता से जुड़े कार्यों पर पत्राचार करने पर कोई कार्यवाही नहीं किया जाना, सदस्यों की अनदेखी करना है। बोर्ड के सदस्य परदेशी रविदास आचरण, उच्चारण एवं व्याकरण के साथ सलाह दिए जाने का प्रस्ताव दिया। बोर्ड के सदस्य राजकुमार शाही ने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि गठन के डेढ वर्ष बाद भी 13 विषयों पर कोई ठोस रणनीति नहीं बन सकी। पूर्वांचल विकास बोर्ड के जुड़े 28 जिलों की वास्तविक समस्याओं से अवगत होने के लिए किसी प्रकार के आवागमन का कोई व्यवस्था न होने पर सवाल खड़े किए।
इन विषयों पर रखी गई रिपोर्ट
कृषि उपज का लाभकारी मूल्य, जल प्रबंधन, पशुपालन, सड़क निर्माण एवं मरम्मत, प्राथमिक शिक्षा, नगर विकास, विद्युत, माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, कौशल विकास एवं उद्योग, ग्राम विकास, मत्स्य पालन, पयर्टन विषय पर गठित समितियों की रिपोर्ट रखी गई।