
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar pradeshy Vidhansabha Chunav) नजदीक आ रहे हैं जिसके लिए सभी नेता अपनी मजबूत की लिये गठबंधन और दल परिवर्तन कर रहे हैं। इन्हीं में एक और नाम शामिल होने जा रहा है सपा से तीन बार विधायक रहे हरिओम यादव (Hariom Yadav) का जो बीजेपी (BJP) में शामिल हो रहे हैं। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सपा से तीन बार विधायक रहे हरिओम यादव 14 जनवरी को बीजेपी में शामिल हो रहे हैं लेकिन आज ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) और लक्ष्मीकांत वाजपेई (Laxmikant Vajpayee) की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बात दें कि हरियोम यादव का नाम फिरोजाबाद जिले के कद्दावर नेताओं में आता है। उनके बीजेपी में आने से यादव लैंड में पार्टी को मजबूत होने की उम्मीद है।
टिकट देने से किया इंकार
सिरसागंज से फिर एक बार टिकट की दावेदारी कर रहे विधायक हरिओम यादव को रामगोपाल यादव के साथ मतभेदों का खामियाजा भुगतना पड़ गया है। मतभेदों के कारण सपा ने सिरसागंज से विधायक को टिकट देने से इंकार कर दिया है। वहीं दूसरी ओर विधायक को बीजेपी नेतृत्व से सिरसागंज से टिकट मिलने का आश्वासन मिला है। जिसके बाद अब तीन बार के सपा विधायक के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है। ऐसे में अब बताया जा रहा है कि विधायक हरिओम यादव 14 जनवरी को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हरिओम यादव शिकोहाबाद से 2002 में और 2012 व 2017 में सिरसागंज सीट से विधायक रह चुके हैं।
मतभेदों के कारण सपा विधायक का टिकट कटना तय
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड लहर के दौरान 2017 में फिरोजाबाद जिले की एक मात्र सिरसागंज सीट ही समाजवादी पार्टी बचा पाई थी। लेकिन अब रामगोपाल यादव से मतभेदों के कारण सपा विधायक का टिकट कटना तय माना जा रहा है। बात दें कि हरियोम यादव का नाम फिरोजाबाद जिले के कद्दावर नेताओं में आता है। उनके बीजेपी में आने से यादव लैंड में पार्टी को मजबूत होने की उम्मीद है।
जिनके नाम की घोषणा हुई, अहमियत नहीं रखते
कुछ समय पूर्व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पुत्र व फिरोजाबाद लोकसभा के पूर्व सांसद अक्षय यादव ने संतोष यादव को सिरसागंज विधानसभा से प्रत्याशी बनाए जाने और उन्हें चुनाव जिताने की घोषणा भरे मंच से की थी। इसके बाद सपा प्रसपा गठबंधन की बात सामने आई। इसे लेकर सिरसागंज विधायक हरिओम यादव ने कहा था कि जिन लोगों ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है वह कोई अहमियत नहीं रखते हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं जबकि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव हैं। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा की गई घोषणा के बाद ही प्रत्याशी के नाम का ऐलान होगा और यदि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठबंधन से उन्हें टिकट नहीं मिलती है तो वह किसी दूसरे दल से भी चुनाव लड़ सकते हैं या निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इसको लेकर वह अपने समर्थकों और वोटरों से बात करने के बाद में निर्णय लेंगे।
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