Inside Story: आजमगढ़ में आज भी यूज़ हो रहे हैं मेड इन बम्हौर के असलहे! चुनाव में रहती है विशेष डिमांड

Published : Feb 02, 2022, 06:34 PM ISTUpdated : Feb 03, 2022, 12:56 PM IST
Inside Story: आजमगढ़ में आज भी यूज़ हो रहे हैं मेड इन बम्हौर के असलहे! चुनाव में रहती है विशेष डिमांड

सार

विधान सभा सामान्य निर्वाचन 2022 को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम हथिया में नदी के कछार पर सरपत व कुश के जंगल में अवैध शस्त्र बनाने की फैक्ट्री लगाकर भारी मात्रा में अवैध शस्त्र निर्माण किया जा रहा है। 

रवि प्रकाश सिंह 

आजमगढ़: कैसेट किंग गुलशन कुमार की डेढ़ दशक पूर्व हुई हत्या के बाद सुर्खियों में आया आजमगढ़ जनपद का बम्हौर गांव लगता है। आज भी  क्षेत्रों में अवैध असलहो की फैक्ट्री बखूबी अपने काम को अंजाम दे रही है। इस बात को बल मिला जब सिधारी थाने की पुलिस ने अवैध असलहा फैक्ट्री का खुलासा करते हुए 12 देशी तमंचा 7 जिंदा कारतूस भारी संख्या में असलहा बनाने के उपकरण के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। विधान सभा सामान्य निर्वाचन 2022 को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम हथिया में नदी के कछार पर सरपत व कुश के जंगल में अवैध शस्त्र बनाने की फैक्ट्री लगाकर भारी मात्रा में अवैध शस्त्र निर्माण किया जा रहा है। पुलिस की दो टीमों ने घेराबन्दी की। कछार पर पहुंचे तो वहां पर दो व्यक्ति भट्टी ब्लोवर लगाकर अवैध देशी तमन्चा का निर्माण कर रहे थे। पुलिस टीम द्वारा दोनों व्यक्तियों को घेर कर पकड़ लिया गया। जिनके कब्जे से 315 बोर व 12 बोर के असलहे तैयार मिले व उपकरण बरामद हुए। तस्करों ने बताया कि उन लोगों ने बम्हौर में शस्त्र बनाने का काम सीखा था। जिसमें पहले भी पुलिस द्वारा पकड़े गये थे। 

आगामी विधान सभा चुनाव में शस्त्र की मांग बढ़ने के कारण आर्डर पर मिलकर शस्त्र तैयार कर रहे थे। शस्त्र तैयार कर अलग अलग व्यक्तियों को बेचते हैं। शस्त्र बनाने में जो भी खर्च आता है वह बराबर वहन कर बेचने पर आपस में कमाई को बांट लेते हैं। यह काम किसी सूनसान जंगल झाड़ या नदी के किनारे पर जाकर करते है जहां लोगों का आना जाना नही रहता है। अक्सर हम लोग यह काम लुक छिपकर रात में करते हैं। यहां पर 10 बजे रात्रि से लेकर सुबह के 4 बजे तक काम करते थे, काम करने के बाद औजार को यहां जंगल झाड़ में छुपा देते थे। पकड़े गए लोगों में जयप्रकाश सिंह उर्फ पासे सिंह पुत्र महातम सिंह निवासी ममरखापुर थाना कोतवाली व राजेश पुत्र सुधई राम निवासी रोशनगंज देवारा थाना रौनापार हैं।

आपको बता दें कि बम्हौर गांव उस वक्त सुर्खियों में आया था जब मुंबई में कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या के बाद वही मौका ए वारदात से बरामद हुआ जिस पर लिखा था मेड इन बम्हौर। पुलिस अधिकारियों द्वारा जब बम्हौर के बारे में पता किया गया तो यह पता चला कि आजमगढ़ जिले में यह गांव का नाम है। पुलिस द्वारा जगह छापेमारी की गई तो यहां घर-घर में असलहों की फैक्ट्री का पता चला। जिसके बाद लोकल पुलिस भी काफी तेजी से एक्टिव हुई और एक के बाद एक कार्यवाही कर इस गोरखधंधे को रोकने की कोशिश की। लेकिन आज भी समय-समय पर इस क्षेत्र से ऐसे ही अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ होता है। 

वर्तमान समय में 2022 का विधानसभा चुनाव होना है और एक बार फिर से अवैध रूप से चल रही असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ कई गिरफ्तारियां भी हुई। पुलिस इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि मान रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि चुनाव के समय में जिस तरह से इन असलहों को बनाने का काम चल रहा है उससे यह बात तय है कि आने वाले समय में अपराधी और अवांछित तत्व चुनाव में गड़बड़ी फैलाने का मकसद रखे हुए हैं। अब आजमगढ़ पुलिस को एक बार फिर से चौकन्ना रहना पड़ेगा कि इस चुनाव में कोई गड़बड़ी ना हो। पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य के मुताबिक लगातार सभी क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं जो भी चुनाव में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि 2022 का विधानसभा चुनाव आजमगढ़ जिले में सकुशल तरीके से संपन्न कराने में पुलिस प्रशासन अपना कितना मजबूत रोल निभा सकती है।

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