यहां से लीक हुई थी 3000 टन सोना मिलने की बात, डिप्टी सीएम ने बताया था भगवान का आशीर्वाद

Published : Feb 23, 2020, 10:44 AM ISTUpdated : Feb 23, 2020, 11:20 AM IST
यहां से लीक हुई थी 3000 टन सोना मिलने की बात, डिप्टी सीएम ने बताया था भगवान का आशीर्वाद

सार

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी इसे भगवान का आशीर्वाद बताने लगे। मामले ने जब हद से ज्यादा तूल पकड़ा तो जीएसआई के कोलकाता स्थित मुख्यालय को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई देनी पड़ी। संस्थान ने कहा कि सोनभद्र में तीन हजार टन सोना मिलने की बात गलत है।

लखनऊ (Uttar Pradesh)। देशभर के लोगों की नजर इस समय सोनभद्र पर है, क्योंकि लोगों को खबर है कि यहां तीन हजार टन सोना मिला है, लेकिन अब इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने खारिज कर दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने साफ किया कि तीन हजार टन नहीं, सिर्फ 160 किलो औसत दर्जे का सोना मिलने की संभावना है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि कैसे इस खबर से लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया था कि भारत फिर से सोने की चिड़िया बनने वाला है।

पड़ताल में सामने आई ये बातें
पड़ताल में ये बात सामने आई कि सारा खेल खनन विभाग और सोनभद्र के डीएम के बीच हुए कुछ पत्र-व्यवहार के लीक होने के बाद शुरू हुआ। भूतत्व एवं खनिकम निदेशालय (माइनिंग डायरेक्टरेट) के 31 जनवरी 2020 को लिखे एक पत्र का हवाला दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सोनभद्र जिले के सोना पहाड़ी ब्लॉक में कुल 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में 646.15 किलोग्राम सोना होने की संभावना जताई गई। इस प्रकार यह पत्र बताता है कि सोनभद्र जिले के दो ब्लॉक में करीब तीन हजार टन सोना होने की संभावना है।

पत्र में लिखी गई है ये बातें
इस पत्र में कहा गया है कि जीएसआई उत्तरी क्षेत्र लखनऊ की ओर से खनिजों की नीलामी की रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी से पहले भूमि का चिह्नंकन किया जाना है। सोना निकालने के लिए इस पत्र में सात सदस्यीय टीम के गठन की भी जानकारी दी गई है। पत्र में सोनभद्र के जिलाधिकारी (कलेक्टर) की ओर से इस संबंध में 20 जनवरी को पत्र व्यवहार करने की भी जानकारी भी दी गई है।

इस तरह बना बनने लगा माहौल
31 जनवरी का यह पत्र बीते 19 फरवरी को सोनभद्र के एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र के हाथ लग गया। स्थानीय मीडिया के हाथ लगा, तो यह खबर आग की तरह फैल गई कि सोनभद्र की कोख में सोना ही सोना भरा है। इसके बाद देशभर की मीडिया लेकर माहौल बनाना शुरू कर दिया। 

जीएसआई को जारी करना पड़ा प्रेसनोट
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी इसे भगवान का आशीर्वाद बताने लगे। मामले ने जब हद से ज्यादा तूल पकड़ा तो जीएसआई के कोलकाता स्थित मुख्यालय को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई देनी पड़ी। संस्थान ने कहा कि सोनभद्र में तीन हजार टन सोना मिलने की बात गलत है।

खदान में मिलेगा 52806.25 टन स्वर्ण अस्यक
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने यह दावा किया कि इस सोने की खदान में 52806.25 टन स्वर्ण अस्यक मिलेगा। जानकारों के मुताबिक स्वर्ण अयस्क से सिर्फ 3.03 ग्राम प्रति टन ही सोना निकलेगा। इस तरह 160 किलोग्राम सोना मिलेगा। हालांकि इससे अधिक सोना मिलने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।

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