इजरायल की टेक्नोलॉजी को मात देगा ये रोबोट, इन 3 छात्रों ने 1000 रू में किया है तैयार


छात्रों का दावा है कि, ये पूरी तकनीक इजरायल के रोबोट गार्ड का अपग्रेड वर्जन है, जो रोप-वे से जुड़कर सेना के जवानों का काम आसान करेगा। जरुरत पड़ी तो जवानों को सतर्क करने के साथ दुश्मनों पर फायर भी झोंक सकता है। यदि 50 हजार रूपए खर्च कर इसे बुलेट प्रूफ और आर्मर से लैस कर दिया जाए तो काफी कारगर साबित हो सकता है।

Ankur Shukla | Published : Feb 27, 2020 6:57 AM IST / Updated: Feb 27 2020, 12:33 PM IST

वाराणसी (Uttar Pradesh) । अशोका इंस्टीट्यूट सारनाथ में पढ़ने वाले मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र अर्पित कुमार सिंह, दिव्यांशु सिंह व प्रतीक सिंह मिलकर महज एक हजार रूपए में रोबोट गार्ड (रक्षक) बनाया है। इन छात्रों का दावा है कि, उनका ये रक्षक बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के लिए कारगर साबित होगा और इजरायल की टेक्नोलॉजी को मात देगा। इसकी मदद से निगरानी के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर सेना के जवान अपने दुश्मन से बात भी कर सकते हैं।

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इजरायल के रोबोट गार्ड का है अपग्रेड वर्जन 
छात्रों का दावा है कि, ये पूरी तकनीक इजरायल के रोबोट गार्ड का अपग्रेड वर्जन है, जो रोप-वे से जुड़कर सेना के जवानों का काम आसान करेगा। जरुरत पड़ी तो जवानों को सतर्क करने के साथ दुश्मनों पर फायर भी झोंक सकता है। यदि 50 हजार रूपए खर्च कर इसे बुलेट प्रूफ और आर्मर से लैस कर दिया जाए तो काफी कारगर साबित हो सकता है।

तीन कैमरे से कर सकते हैं निगरानी
रक्षक में तीन कैमरे लगे हैं। एक नाइट विजन, दूसरा थ्री डी और तीसरा नार्मल कैमरा है, जो अलग-अलग परिस्थितियों में बॉर्डर पर होने वाली हरकत को कैप्चर करेगा। इस सिस्टम में मोबाइल का ट्रांसमीटर, चिप, खराब फोन का कैमरा इस्तेमाल किया गया है।

रोबोट के जरिए दुश्मनों से हो सकती है बात
इसमें टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम लगा है। जिसके जरिए सेना के जवान अपने दुश्मन से बात भी कर सकते हैं। जवानों को अलर्ट करने के लिए अलार्म भी लगा है। जरूरत पड़ने पर रोबोट में फिट गन को वायरलेस ट्रिगर के जरिए कंट्रोल रूम से ऑपरेट कर फायर भी किया जा सकता है।

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