
आगरा (Uttar Pradesh)। निर्भया के दुष्कर्मी चारों हत्यारों को फांसी के फंदे पर लटकाने की उल्टी गिनती चल रही है। वहीं, जेल में बंदियों के सुधार की मुहिम चलाने वाले मूलत: एटा निवासी प्रदीप रघुनंदन ने इन दरिंदों को फांसी से पहले गरुड़ पुराण सुनाना चाहते हैं। इसके लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों को पत्र लिखा है। बता दें कि प्रदीप एक दशक से अधिक समय से यूपी की जेलों में बंदियों से सुधार से संबंधित मुहिम चला रहे हैं। रचनात्मक विकास के जरिए उन्हें मानसिक रूप से परिवर्तित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस लिए सुनाना चाहता है गरूण पुराण
केंद्रीय कारागार तिहाड़ के आइजी संजीव गोयल को भेजे पत्र में प्रदीप रघुनंदन ने लिखा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है। चारों दोषियों को मानसिक भय से मुक्त करने और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार मृत्यु दंड स्वीकार करने और उनकी आत्मा के सद्गति प्राप्त होने के लिए गरुड़ पाठ का सुनाया जाना भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए लाभकारी होगा। ऐसे में चारो दोषी मोह से मुक्त होने अपने दंड को प्राप्त कर सकेंगे।
मिला है यह आश्वासन
प्रदीप रघुनंदन को फिलहाल तिहाड़ जेल प्रशासन के अधिकारियों से अनुमति का इंतजार है। उन्होंने बताया कि तिहाड़ के अधिकारियों ने उनकी इस मांग से गृह मंत्रालय को अवगत कराने की कहा है। वहां से निर्णय होने के बाद ही उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा।
कई सम्मानों से सम्मानित हैं प्रदीप
- आइएसओ अवार्ड-2008
- स्कॉच अवार्ड-2016
- युवा रतन पुरस्कार-2017
-राष्ट्रीय जेल सेवा सम्मान-2018
- राष्ट्रपति डाक्टर हामिद अंसारी की ओर से प्रशस्तिपत्र
- नेशनल ऑइकान अवार्ड-2019
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