यह पेड़ बयां करता है 70 सालों से संविधान दिवस की कहानी, देश में रखा गया है इकलौता यह नाम

संविधान दिवस को यादगार बनाने के लिए यह पेड़ लगाया था, जो अशोक का है। जिसे लगाने बाद एक शिलालेख भी लगाया गया था, जिसमें इसके लगाने की तारीख और इसका नाम लिखा गया है। 

Ankur Shukla | Published : Jan 25, 2020 7:35 AM IST

वाराणसी (Uttar Pradesh)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में एक ऐसा पेड़ है, जो पिछले 70 सालों से आज भी आजादी के उस कहानी को बयां कर रहा है जिस दिन देश में संविधान लागू किया गया था। जी हां इस पेड़ को 26 जनवरी 1950 में बिड़ला हॉस्टल के तत्कालिन छात्रों और अध्यापकों ने लगाया था। 

जनतंत्र-वृक्ष रखा गया नाम 
छात्रों का कहना है कि यह पेड़ हमे ये संदेश देता है कि हम संविधान का सम्मान करें। इस पेड़ का नाम जनतंत्र रखा गया है।

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इस लिया लगाया गया था पेड़
संविधान दिवस को यादगार बनाने के लिए यह पेड़ लगाया था, जो अशोक का है। जिसे लगाने बाद एक शिलालेख भी लगाया गया था, जिसमें इसके लगाने की तारीख और इसका नाम लिखा गया है। 

हर साल होती है सफाई
आज भी यहां रहने वाले छात्र हर 26 जनवरी को इसकी साफ सफाई करते हैं। वे कहते हैं यह पेड़ संघर्षों को भी याद दिलाता है।

 

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