70 सालों से यूपी पुलिस का मुख्य हथियार रही थ्री नॉट थ्री राइफलें अब यूपी पुलिस के पास नहीं रहेंगी। शासन की तरफ से इन राइफलों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है
लखनऊ(Uttar Pradesh ). 70 सालों से यूपी पुलिस का मुख्य हथियार रही थ्री नॉट थ्री राइफलें अब यूपी पुलिस के पास नहीं रहेंगी। शासन की तरफ से इन राइफलों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसके स्थान पर अब पुलिसकर्मियों के पास आधुनिक एसएलआर व इंसास राइफलें आ गई हैं। इसके लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा जा चुका है।
बता दें कि अभी तक यूपी पुलिस का सबसे प्रमुख हथियार रही थ्री नॉट थ्री राइफलें अब इतिहास हो जाएंगी। प्रथम विश्व युद्ध में सबसे पहले अस्तित्व में आई ये राइफलें साल 1945 में यूपी पुलिस के पास आई थी। इसके पहले यूपी पुलिस मस्कट 410 राइफल का प्रयोग होता था।
प्रदेश के थानों को दी चुकी हैं 86 हजार राइफलें
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक़ कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 86 हजार आधुनिक राइफलें थानों को दी जा चुकी हैं। इसमें 63 हजार इंसास और 23 हजार एसएलआर राइफलें शामिल है।इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को थ्री नाट थ्री राइफल का प्रयोग न करने को कहा गया है। इसके अलावा 8 हजार और इंसास राइफल व 10 हजार 9 एमएम पिस्टल खरीदने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
कारगिल के युद्ध में कारगर साबित हुई थी इंसास राइफलें
यूपी पुलिस को दी गई इंसास राइफलों का प्रयोग 1999 में कारगिल के युद्ध में भी किया गया था। ये राइफलें काफी कारगर साबित हुई थीं। ये आधुनिक राइफल थ्री नॉट थ्री से कम वजन की व चलाने में आसान है। माना जा रहा है कि थ्री नॉट थ्री की जगह इंसास राइफलों के आने से यूपी पुलिस की ताकत मजबूत होगी।
अभी पुलिस लाइनों में आरआई की निगरानी में जमा होंगी पुरानी राइफलें
यूपी पुलिस के 70 साल पुराने असलहे थ्री नॉट थ्री के प्रयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। अब इन राइफलों को सभी जिलों के पुलिस लाइन में आरआई के पास जमा कराया जाएगा। जिसके बाद शस्त्र फैक्ट्री में इसे नष्ट करा दिया जाएगा।